देश भर में जहाँ नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी सीएए और राष्ट्रीय रजिस्टर ऑफ़ सिटीजन यानी एनआरसी के ख़िलाफ़ बड़े स्तर पर प्रदर्शन जारी है और संविधान पर ख़तरे को लेकर बहस जारी है वहीं महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार ने संविधान को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। महाराष्ट्र में 26 जनवरी से सभी स्कूलों में प्रतिदिन सुबह प्रार्थना के बाद संविधान की प्रस्तावना का पाठ अनिवार्य होगा। राज्य सरकार का यह फ़ैसला ऐसे समय में आया है जब बीजेपी सरकार के नागरिकता क़ानून और एनआरसी को विपक्षी दल संविधान विरोधी क़रार दे रहे हैं और कई जगहों पर विरोध-प्रदर्शनों में संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया जा रहा है।