सत्ताधारी दल की नीतियों का विरोध करना क्या ईश निंदा है? यह सवाल खड़ा किया है प्रसिद्ध सिने अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने। उन्होंने कहा, ‘मुझे इस माहौल से डर नहीं लगता बल्कि ग़ुस्सा आता है।’ नसीरुद्दीन शाह ने अपने इस ग़ुस्से की वजह देश के विश्विद्यालयों में विद्यार्थियों पर हो रहे हमले और नागरिकता संशोधन क़ानून, नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजंस (एनआरसी) का विरोध करने वाले लोगों के ख़िलाफ़ हो रही पुलिसिया कार्रवाई तथा फ़िल्मों के माध्यम से एक अलग तरह का पॉलिटिकल नैरेटिव थोपने की बात एक वेबसाइट को दिए गए साक्षात्कार के दौरान कही।