कहते हैं, 'जहां ना पहुंचे रवि, वहां पहुंचे कवि।' यह बात हर कवि पर भले ही लागू ना हो लेकिन कैफ़ी आज़मी पर यह कहावत सोलह आने सच साबित होती है। 14 जनवरी 1919 को आज़मगढ़ के मिज़वा गांव में कैफ़ी आज़मी का जन्म हुआ। वे बचपन में ही तब से बाग़ी होने लगे थे जब उन्होंने सामंतवादी आत्याचारों को अपने परिवेश में होते देखा।
वक़्त ने किया क्या हसीं सितम...
- श्रद्धांजलि
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- इक़बाल रिज़वी
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- 14 Jan, 2019


इक़बाल रिज़वी
पार्टी की ओर से हर महीने मिलने वाले 75 रूपए में गुज़र बसर बहुत मुश्किल थी, इसलिए कैफ़ी ने अख़बार में कालम लिखना शुरू कर दिया। किसी बड़ी ख़बर पर यह बग़ावती शायर व्यंग में टिप्पणी करता था। साथ ही वे इप्टा के लिए नाटक भी लिखने लगे।
जंग रहमत है कि लानत, ये सवाल अब न उठा