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फ़िल्मी पर्दे पर मधुबाला 9 साल की उम्र में पहली बार नज़र आईं। फ़िल्म का नाम था ‘बसंत’। फ़िल्म में उन्होंने बेबी मुमताज के नाम से काम किया। एक दिन डायरेक्टर केदार शर्मा की नज़र मधुबाला पर पड़ी, तब तक वह 13 साल की हो चुकी थीं। केदार शर्मा को पहली बार में ही यकीन हो गया कि यह लड़की क़यामत ढाएगी।
कमसिन मधुबाला को एहसास ही नहीं हुआ कि जिन केदार शर्मा को वे अपना गुरू मानती थीं, वही केदार शर्मा दिल ही दिल में उन्हें चाहने लगे हैं। दोनों के बीच उम्र का बड़ा अंतर था और इस बात का अहसास केदार शर्मा को भी था। शायद इसी वजह से केदार शर्मा अपने दिल की बात दिल में ही दबाए रहे।
'महल' की शूटिंग के दौरान कमाल अमरोही मधुबाला की खू़बसूरती के जादू में क़ैद हो गए। पहले से शादी-शुदा कमाल मधुबाला से शादी तक करने को तैयार थे। लेकिन मधुबाला के पिता ने बहुत समझदारी से इस अध्याय को ख़त्म करवा दिया।
प्रेमनाथ मधुबाला के प्यार में और आगे बढ़ पाते, प्रेमनाथ के दोस्त दिलीप कुमार ने मधुबाला में दिलचस्पी लेना शुरू कर दिया। अपनी मुस्कुराहट से क़यामत ढाने वाली मधुबाला दिलीप कुमार की शर्मीली मुस्कुराहट का शिकार हो गईं।
प्रेमनाथ अभी आगे बढ़ ही रहे थे कि दिलीप कुमार का नाम सुनते ही मधुबाला की आँखों में उभरने वाली चमक देखने के बाद प्रेमनाथ ने अपने क़दम रोक लिए।
दिलीप कुमार और मधुबाला की मुहब्बत शादी की देहरी तक पहुँच गई लेकिन एक ज़रा सी बात पर सब कुछ ख़त्म हो गया। दरअसल, फ़िल्म ‘मधुमती’ के लिए पहले मधुबाला को हीरोइन के रूप में लिया गया था। फ़िल्म की आऊटडोर शूटिंग के लिए मधुबाला को बाहर जाना था लेकिन उनके पिता उन्हें मुंबई के बाहर नहीं भेजना चाहते थे। इस मुद्दे पर फ़िल्म निर्देशक बीआर चोपड़ा और मधुबाला के पिता अताउल्ला ख़ान में मुक़दमेबाज़ी शुरू हो गई। फ़िल्म के हीरो दिलीप कुमार ने अदालत में चोपड़ा का साथ दिया। यहीं से अताउल्ला ने मधुबाला और दिलीप के रिश्तों को हमेशा के लिए ख़त्म कर दिया।
मधुबाला को चाहने वालों की कतार ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही थी। उनके साथ फ़िल्म ‘बरसात की रात’ में हीरो बने भारत भूषण फ़िल्म की शूटिंग के दौरान मधुबाला को दिल दे चुके थे। उन्होंने मधुबाला को सहारा देने के लिए उनके सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया। लेकिन दिलीप की जुदाई का गम झेल रही मधुबाला की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला और भारत भूषण का इंतज़ार कभी ख़त्म नहीं हुआ।
फ़िल्म ‘मुग़ले आज़म’ की शूटिंग के दौरान मधुबाला का स्वास्थ्य लगातार ख़राब रहने लगा। जाँच में पता चला कि मधुबाला के दिल में छेद है। तब इस रोग का भारत में इलाज संभव ही नहीं था। मधुबाला को शायद मौत के फरिश्तों की आहट सुनाई देने लगी थी। इसीलिए वह शिद्दत के साथ जिंदगी जीना चाह रही थीं।
कई फ़िल्मों में उनके साथ काम कर चुके किशोर कुमार उन्हें बहुत चाहते हैं, इस बात का पता मधुबाला को बख़ूबी था लेकिन दिलीप कुमार के प्यार में उन्होंने कभी इस ओर ध्यान ही नहीं दिया। पर अब उन्हें किशोर कुमार के रूप में एक ऐसा सहारा दिखाई देने लगा जिसके सहारे वह और जी सकती थीं। उन्होंने किशोर कुमार को अपनी बीमारी के बारे में बताया मगर किशोर ने सब कुछ जान कर भी उनसे शादी कर ली।
शादी के बाद मधुबाला की तबियत और ज़्यादा ख़राब रहने लगी और उनके आख़िरी दिन बेहद बेबसी और मायूसी के बीच गुजरे। वह प्यार पाने के लिए तरसती रहीं लेकिन किशोर कुमार के पास इतना वक़्त ही नहीं था कि वह हर समय मधुबाला के पास रह सकें। इसी वजह से किशोर उन्हें उनके पिता के घर छोड़ आए।
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