वेब सीरीज़: जामताड़ा: सबका नंबर आएगा
स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म: नेटफ्ल्किस
डायरेक्टर: सौमेंद्र पाधी
स्टार कास्ट: स्पर्श श्रीवास्तव, अंशुमान पुष्कर, आसिफ़ ख़ान, अक्षा परदसानी, दिव्येंदु भट्टाचार्य, अमित सियाल, मोनिका पवार
शैली: क्राइम-थ्रिलर
रेटिंग: 3.5/5
स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म नेटफ्लिक्स पर कुछ दिनों पहले सीरीज़ रिलीज हुई है जिसका नाम है ‘जामताड़ा’। वैसे, जामताड़ा झारखंड का एक ज़िला है और साथ ही इसे फीशिंग का हब यानी साइबर क्राइम में मशहूर भी कहा जाता है। जामताड़ा में साइबर क्राइम काफ़ी ज़्यादा होते हैं और फ़ोन पर धोखाधड़ी कर किसी के खाते से पैसे निकालना जैसे काफ़ी आसान है। जामताड़ा ज़िले की इन घटनाओं को मद्देनज़र रखते हुए डायरेक्टर सौमेंद्र पाधी ने 10 एपिसोड की सीरीज़ ‘जामताड़ा: सबका नंबर आएगा’ बनाई है। तो आइये जानते हैं कि इस सीरीज़ में क्या दिखाया गया है।
ज़िले जामताड़ा से शुरू होती है कहानी जहाँ एक लड़का सनी (स्पर्श श्रीवास्तव) किसी को फ़्रॉड कॉल कर उसके अकाउंट से पैसे निकाल लेता है। इसमें उसका ममेरा भाई रॉकी (अंशुमान पुष्कर) और उसके ही उम्र के कई लड़के हैं जो इस काम का हिस्सा हैं। 16-17 साल के ये लड़के इसी तरह से पैसे कमाकर बड़ा आदमी बनना चाहते हैं। ज़िले में नेता बृजेश भान (अमित सियाल) है, जो इन लड़कों का साथ देता है और पुलिस से बचाता है।
वहीं एक अख़बार का पत्रकार अनस (आसिफ़ ख़ान) भी इन लड़कों का दोस्त है। जामताड़ा की पुलिस भी कुछ नहीं कर पाती है तो वहीं नई एसपी डॉली साहू (अक्षा परदसानी) की नियुक्ति ज़िले में होती है। डॉली तेज़ तर्रार है और वह फीशिंग के क्राइम को ख़त्म करना चाहती है। कुल मिलाकर जामताड़ा में साइबर क्राइम का एक बड़ा जाल बिछा हुआ है। फ़्रॉड कॉल्स और एसपी साहिबा की क्राइम को रोकने की कोशिश में आख़िर में क्या ये सभी लड़के पकड़े जाएँगे? विधायक एसपी से इन लड़कों को बचा पाएँगे? जामताड़ा में चल रहा ये साइबर क्राइम कभी रुकेगा भी या नहीं? ये सब जानने के लिए आपको नेटफ्लिक्स पर जाकर सीरीज़ देखनी पड़ेगी।
क्या है साइबर क्राइम?
आजकल हर किसी के पास एटीएम कार्ड और नेट बैंकिंग है। इसके ज़रिए आपको बैंक जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती बल्कि घर बैठे ही आप कहीं भी पैसे भेज या मँगवा सकते हैं। लेकिन कुछ लोग इसका ग़लत फ़ायदा उठाते हैं और बैंक कर्मी या कोई और बनकर आपको फ़ोन कर आपकी बैंक और कार्ड से जुड़ी सभी जानकारी लेकर आसानी से पैसे निकाल लेते हैं। जिन्हें बैंकिंग की अच्छी जानकारी होती है वे तो बच जाते हैं लेकिन जो इसे नहीं समझते वे अपना पैसा खो देते हैं। इसलिए सभी जगह बताया जाता है कि एटीएम कार्ड में पीछे लिखा सीवीवी नंबर किसी को न बताएं और साथ ही खाते से जुड़ी कोई जानकारी किसी से साझा न करें।
कलाकारों की अदाकारी
एक्टिंग की बात करें तो सनी के किरदार में स्पर्श श्रीवास्तव ने बेहद शानदार एक्टिंग की है। हर एक सीन में उनकी एक्टिंग आपका दिल जीत लेगी। फ़्रॉड कॉल्स करने वाले इस लड़के से नफ़रत होने की बजाय इनकी एक्टिंग के ज़रिए आपको ये पसंद आएँगे। तो वहीं अंशुमान पुष्कर और आसिफ़ ख़ान ने बेहतरीन परफ़ॉर्मेंस दी है। अक्षा परदसानी, दिव्येंदु भट्टाचार्य, अमित सियाल, मोनिका पवार इन कलाकारों की जितनी तारीफ़ की जाए कम है। किसी भी कलाकार की एक्टिंग को आप कम नहीं आँक सकते।
डायरेक्शन
सौमेंद्र पाधी ने जामताड़ा का शानदार डायरेक्शन किया है और इसका स्क्रीनप्ले कहानी के साथ पूरी तरह से न्याय करता है। पूरी सीरीज़ में हर एक किरदार को महत्व देते हुए दर्शाया गया है। साइबर क्राइम को लेकर रिसर्च सीरीज़ में साफ़ नज़र आती है तो वहीं मीडिया की भूमिका को भी बराबरी से दिखाया गया है।
क्यों देखें सीरीज़?
‘जामताड़ा’ जो कि एक ज़िला है वहाँ होने वाले साइबर क्राइम को समेटकर एक सीरीज़ बनाई गई है। इस सीरीज़ में वहाँ की बोली को मज़बूती से पकड़ा गया है और ऐसा लगेगा कि उस जगह में ये सब चल रहा है जो आप देख रहे हैं। हर एपिसोड के बाद आपको फौरन अगले में क्या है जानने की ललक रहेगी। जामताड़ा आपको कहीं पर भी बोर नहीं करेगी बल्कि अंत तक सीरीज़ को देखने की जल्दी में आप 10 एपिसोड आसानी से ख़त्म कर लेंगे।
क्यों न देखें?
यह सीरीज़ सच्ची घटनाओं से प्रेरित होकर ज़रूर बनाई गई है लेकिन इसमें कोई एक घटना आधारित नहीं है। पूरी कहानी एक काल्पनिक कहानी के तौर पर पेश की गई है और ज़िले में होने वाले क्राइम को दिखाया गया है। अगर आप सीरीज़ को किसी एक घटनाक्रम के तौर पर देखेंगे तो इसका क्लाइमेक्स आपको पसंद नहीं आएगा।
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