सीरीज़- इललीगल जस्टिस आउट ऑफ़ ऑर्डर
डायरेक्टर- साहिर रज़ा
कास्ट- पीयूष मिश्रा, नेहा शर्मा, कुब्रा सेत, सत्यदीप मिश्रा, अक्षय ओबेरॉय
स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म- वूट ऐप
शैली- कोर्ट रूम ड्रामा
रेटिंग- 2.5/5
हमने फ़िल्मों में कोर्ट रूम ड्रामा तो खूब देखा है, जैसे- सबूत, दलीलें और सज़ा लेकिन अब जो कोर्ट रूम ड्रामा प्रस्तुत किया जा रहा है, उसमें काफी कुछ बदल गया है। उसमें हमें दिखाया जाता है कि ग़लत को सही साबित करने के लिए किसी भी हद तक गिरा जा सकता है और सही को सही साबित करने के लिए भी आपको काफी कुछ झेलना पड़ेगा। यही दिखाया गया है वूट ऐप पर रिलीज़ हुई सीरीज़ 'इललीगल' में।
इस सीरीज़ को साहिर रज़ा ने डायरेक्ट किया है और पीयूष मिश्रा, नेहा शर्मा, कुब्रा सेत, सत्यदीप मिश्रा लीड रोल में हैं। तो आइये जानते हैं इसकी कहानी के बारे में-
सीरीज़ 'इललीगल' में क्या है?
एक काबिल और तेज-तर्रार वकील निहारिका सिंह (नेहा शर्मा) है, जो सच के लिए हमेशा खड़ी रहती है और उसे एक बड़े और नामी वकील जनार्दन जेटली उर्फ जेजे (पीयूष मिश्रा) की फ़र्म से जॉब का ऑफ़र आता है। निहारिका फ़र्म ज्वाइन कर लेती है। जेजे निहारिका को मेहर सलाम (कुब्रा सेत) का केस लेने को कहता है।
मेहर सलाम पर अपने ही परिवार के 4 लोगों की हत्या करने का आरोप है। मेहर को फांसी की सज़ा सुनाई गई है लेकिन फांसी नहीं दी गई, इस पर वह फांसी देने की मांग करती है। इसी बीच एक रेप केस आता है और जेजे निहारिका को इस केस को लेने के लिए बोल देता है। निहारिका के लिए ये समझना मुश्किल हो जाता है कि वाकई वह जिसका केस ले रही है उसने रेप किया है या नहीं। वह ग़लत इंसान को बचाने के लिए केस नहीं लड़ना चाहती।
वहीं, दूसरी ओर वकील पुनीत (सत्यदीप मिश्रा) रेप पीड़िता का केस लड़ता है। अब आखिर में क्या होगा, ये सब जानने के लिए सीरीज़ देख लीजिए। क्योंकि इस सीरीज़ का दूसरा सीजन आने की संभावना है। मेहर सलाम को फांसी मिली या नहीं? रेप केस निहारिका हारेगी या जीतेगी? क्या निहारिका सच्चाई के साथ सभी केस जीत लेगी?
डायरेक्शन
सीरीज़ ‘इललीगल’ में कोर्ट रूम ड्रामा ही दिखाया गया है लेकिन इसकी कहानी अच्छी होते-होते रह गई। रियलिस्टिक लगने वाली कहानियों से दर्शकों की उम्मीदें बंध जाती हैं कि इसमें कुछ अच्छा देखने को मिलेगा लेकिन इस सीरीज़ की कमजोर कहानी ने उस उम्मीद पर पानी फेर दिया।
लेखक रेशु नाथ ने ‘इललीगल’ की कहानी को एकदम फ्लैट लिख दिया जिसमें बीच-बीच में कुछ ही जगहों पर दिलचस्प सीन्स आते हैं। डायरेक्टर साहिर रज़ा ने सीरीज़ में कलाकारों का चयन अच्छा किया लेकिन वे कमजोर स्क्रिप्ट को संभाल नहीं पाये।
एक्टिंग
पीयूष मिश्रा ने सख्त वकील का किरदार निभाया है और इस रोल को उन्होंने बेहतरीन तरीके से निभाया है। नेहा शर्मा ने अपने रोल को अच्छा निभाया तो है लेकिन जहां पर भी उन्हें थोड़ा सा सख्त दिखना था उनके चेहरे पर वैसे भाव नहीं आ पाये। इसके अलावा सत्यदीप मिश्रा ने भी अपने किरदार को बखूबी निभाया।
कुब्रा सेत जो कि एक कैदी महिला के किरदार में हैं, उन्होंने बेहद ही शानदार तरीके से अपने रोल को निभाया है। बाक़ी सभी स्टार्स पारूल गुलाटी, अक्षय ओबेरॉय, विक्की अरोरा सभी ने अच्छी एक्टिंग की है।
तो अब फुल एंड फाइनल ये है कि सीरीज़ ‘इललीगल’ वूट ऐप पर रिलीज़ हो चुकी है। एक्टर्स ने अच्छा काम किया और कोर्ट रूम ड्रामा के अनुसार इसकी कहानी ठीक है, जिसे देखते हुए आप इसे एक बार देख सकते हैं। सीरीज़ की कहानी थोड़ी और मज़बूत हो सकती थी लेकिन नहीं हो पाई और यह थोड़ी सी अधूरी लगती है।
आजकल लोगों को सीरीज़ से भरपूर सस्पेंस की उम्मीद होती है जो ये सीरीज़ दिखाने में नाकाम रही। हां, सीरीज़ में ये मैसेज दिया गया है कि आज के दौर में ग़लत को ग़लत और सही को सही साबित करने के लिए आपको नैतिक-अनैतिक सभी रास्ते अपनाने पड़ेंगे। क्योंकि इस जमाने में सच की सुनवाई बड़ी मुश्किल से होती है।
अपनी राय बतायें