पिछले कुछ दिनों में पहले ऑस्कर विजेता आर रहमान और अब रसूल पूकुट्टी ने हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री की खेमेबाज़ी को निशाना बनाया है। बीच में शेखर कपूर ने अपनी दार्शनिक और निर्णायक टिप्पणी से इसे ‘ऑस्कर अभिशाप’ घोषित कर दिया है। हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री के ख़िलाफ़ चल रही हवा के साथ उड़ रहे व्यक्तियों की धारणा मज़बूत हुई। लगभग समवेत स्वर से कहा गया कि ‘देखो, हम कहते थे न?’