पिछले कुछ दिनों में पहले ऑस्कर विजेता आर रहमान और अब रसूल पूकुट्टी ने हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री की खेमेबाज़ी को निशाना बनाया है। बीच में शेखर कपूर ने अपनी दार्शनिक और निर्णायक टिप्पणी से इसे ‘ऑस्कर अभिशाप’ घोषित कर दिया है। हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री के ख़िलाफ़ चल रही हवा के साथ उड़ रहे व्यक्तियों की धारणा मज़बूत हुई। लगभग समवेत स्वर से कहा गया कि ‘देखो, हम कहते थे न?’
ए आर रहमान को बॉलीवुड में क्यों काम नहीं मिल रहा?
- सिनेमा
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- 29 Jul, 2020

हिंदी फ़िल्म को लेकर चालू बहस और विवाद में ए आर रहमान, शेखर कपूर और रसूल पूकुट्टी के बयान और ट्वीट, मुंबई फ़िल्म इंडस्ट्री की नेगेटिव छवि मज़बूत करते हैं। मीडिया और सोशल मीडिया विवाद की ‘बहती गंगा’ में हाथ धो रही है। ज़रूरत है कि ताज़ा बयान और ट्वीट के पीछे जाकर सारे तथ्यों और संदर्भों को खंगाल कर उन पर टिप्पणी की जाए।
बात शुरू हुई ए आर रहमान के एक इंटरव्यू से। रेडियो मिर्ची के आरजे सुरेन के शो में जब उनसे पूछा गया कि वे इन दिनों क्यों कम हिंदी फ़िल्में कर रहे हैं? ए आर रहमान ने कहा कि ‘हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री में एक गैंग मेरे ख़िलाफ़ काम कर रहा है, जो मुझे काम मिलने से रोक रहा है। मैं अच्छी फ़िल्मों को मना नहीं करता लेकिन एक गैंग किसी ग़लतफहमी में ग़लत अफ़वाह फैला रहा है।’ उन्होंने आगे कहा कि “जब मुकेश छाबड़ा मेरे पास आए तो मैंने दो दिनों में उन्हें चार गाने दे दिए। उन्होंने मुझे बताया कि उनसे कहा गया, ‘ए आर रहमान के पास मत जाओ... उनके पास मत जाओ’। उन्होंने मुझे अनेक क़िस्से सुनाए।”