सिनेमा तमाम कलाओं का संगम है, स्वयं एक कला है और पूँजी आधारित होने के कारण घाटे-मुनाफ़े के गणित से ग्रस्त भी है।

पटरी से उतरने का आरोप झेल रहे हमारे हिंदी सिनेमा के लिए साल 2023 कैसा रहा? जिन फ़िल्मों ने धमाकेदार कमाई की, उनको किस तरह आँका जा सकता है?
सिनेमा के बारे में यह बहस भी शाश्वत है कि क्या फिल्मों का काम सिर्फ मनोरंजन करना है या सकारात्मक कहानियों के ज़रिये समाज को प्रेरित करते हुए समाज में किसी तरह का आदर्श और नैतिकता स्थापित करना। अच्छा सिनेमा सिर्फ मनोरंजन ही नहीं करता बल्कि कहीं न कहीं दर्शक को बेहतर मनुष्य, संवेदनशील और सतर्क नागरिक बनने की प्रेरणा भी देता है। अच्छी कहानियाँ, अच्छा निर्देशन, अच्छा अभिनय किसी फिल्म की सफलता के आवश्यक तत्व माने जाते हैं। लेकिन सिनेमा का इतिहास बताता है कि कारोबार का गणित यह सब उलटपुलट देता है। ख़राब कहानियों और ख़राब निर्देशन, ख़राब अभिनय के बावजूद फिल्में खूब कमाई कर लेती हैं। यह सिलसिला जारी है। हिंदी फिल्मों पर लचर कहानियों का इल्ज़ाम बरसों से लग रहा है लेकिन फिल्में कमाई भी कर रही हैं।