अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का जो निर्णय आया है, वह तो सबको समझ में आ गया है कि विवादित ज़मीन हिंदू पक्ष को दे दी जाए। लेकिन कोर्ट ने ऐसा निर्णय क्यों दिया, किस आधार पर दिया, इसको लेकर अधिकतर लोगों के दिमाग़ में तसवीर साफ़ नहीं है। जो इस निर्णय से ख़ुश हैं, वे समझते हैं कि कोर्ट ने यह फ़ैसला इसलिए दिया कि मसजिद जहाँ बनाई गई है, वहाँ पहले एक मंदिर था और पीड़ित (हिंदू) पक्ष के साथ न्याय करने के लिए कोर्ट ने मंदिर वाली जगह हिंदुओं को दे दी। एक लाइन में कहें तो कोर्ट को इस बात के सबूत मिले कि मसजिद बनने से पहले वह जगह हिंदुओं की ही थी, इसीलिए वह जगह उसके असली मालिक यानी हिंदुओं को दे दी।