सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर जो फ़ैसला सुनाया उसे मानना और सर झुकाकर मानना तो भारत के हर नागरिक का कर्तव्य है। उसमें किंतु-परंतु का कोई सवाल ही नहीं उठता। मगर आज नहीं तो कल इस फ़ैसले की मीमांसा ज़रूर होगी। सराहना भी होगी तो आलोचना भी हो सकती है।