कमलनाथ ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद कर्ज़माफ़ी का वायदा पूरा करते हुए इससे जुड़ी फ़ाइल पर दस्तख़त कर दिए। यह एक संवेदनशील विषय और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने प्रचार अभियान में इसे एक मुद्दा बनाया था। उन्होंने कर्ज़माफ़ी का आश्वासन दिया था।

कर्ज़माफ़ी के इस वायदे के पूरा होने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी पर एक तरह का नैतिक और राजनीतिक दबाव बढ़ गया। लेकिन मध्य प्रदेश का ख़जाना खाली है और राज्य सरकार पर लगभग पौने दो लाख करोड़ रुपए का कर्ज़ पहले से ही है। ऐसे में इस क़दम से राज्य की आर्थिक स्थिति और ख़राब होगी, इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। समझा जाता है कि इस क़दम से आम चुनावों में कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार और बीजेपी पर हमला कर सकते हैं।