असम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और सहयोगी दलों के चुनाव प्रचार को गति देने पहुंचे कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बीजेपी और आरएसएस पर सियासी तीर छोड़े हैं। राहुल ने शुक्रवार को डिब्रूगढ़ के लाहोवाल में कॉलेज के छात्रों से बातचीत में कहा कि बीजेपी-आरएसएस धर्म का नहीं, नफरत का प्रयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म में कहीं नहीं लिखा है कि किसी को मारो। राहुल ने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर सीएए को रोक दिया जाएगा।
राहुल ने कहा, “कांग्रेस नफरत मिटाती है जबकि बीजेपी नफरत फैलाती है। नागपुर में बैठी एक शक्ति पूरे हिंदुस्तान को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है।” राहुल ने कहा, “नफरत और बेरोज़गारी में एक डायरेक्ट कनेक्शन है। अगर नफरत बढ़ेगी तो बेरोज़गारी बढ़ेगी और बेरोज़गारी बढ़ेगी तो नफरत बढ़ेगी। अगर नफरत कम होगी तो बेरोज़गारी कम हो जाएगी।”
‘युवा राजनीति में आएं’
वायनाड के सांसद राहुल गांधी ने छात्रों से कहा कि सरकार और उसके लोग आपके आत्मविश्वास से डरते हैं। राहुल ने युवाओं के राजनीति में आने की हिमायत करते हुए कहा कि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को राजनीति में आना चाहिए और जहां भी उन्हें लगता है कि असम से चोरी की जा रही है तो आपको असम के लिए लड़ना चाहिए।
हाल ही में भारत में लोकतंत्र के कमज़ोर होने को लेकर आई कुछ विदेशी संस्थाओं की रिपोर्ट्स को लेकर राहुल ने कहा कि लोकतंत्र का अर्थ है जो असम की आवाज है उसका असम पर कंट्रोल हो और जो तमिलनाडु की आवाज है, उसका तमिलनाडु पर कंट्रोल हो।
राहुल ने कहा कि अगर किसी भी राजनेता को छात्रों के बीच में आकर यहां खड़ा होना है तो उसके लिए हिम्मत की जरूरत होती है। अगर देश का भविष्य देश के प्रधानमंत्री से दिल खोल कर बात नहीं कर सकता तो कोई ना कोई कमी तो कहीं जरूर है।
असम चुनाव पर देखिए चर्चा-
चाय बागान के कर्मचारियों से वादा
राहुल ने डिब्रूगढ़ में चाय बागान के कर्मचारियों की रैली में कहा कि जो एयरपोर्ट के मामलों में हो रहा है, वही चाय के बागानों में भी हो रहा है। उन्होंने मोदी सरकार से पूछा कि अगर आप अडानी को एयरपोर्ट पकड़ाना चाहते थे तो आपने असम की जनता की जेब से 2000 करोड़ रुपये क्यों निकाले? उन्होंने चाय बागानों के कर्मचारियों से वादा किया कि अगर असम में उनकी सरकार आई तो उन्हें हर दिन 365 रुपये मजदूरी मिलेगी।
कांग्रेस नेता ने कहा कि आज हिंदुस्तान को 'हम दो हमारे दो' चलाते हैं, कुल चार लोग इस देश को चलाते हैं और पूरा फायदा उन्हीं चार लोगों को हो रहा है। राहुल ने कहा कि कांग्रेस ने अपना घोषणापत्र असम की जनता से बातचीत करके बनाया है न कि बंद कमरों में।
असम में कांग्रेस एआईयूडीएफ, सीपीआई, सीपीआई (एम), सीपीआई (एमएल), आंचलिक गण मोर्चा और बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट (बीपीएफ़) के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 26 सीटें मिली थीं। इससे पहले लगातार 15 साल तक असम में उसकी सरकार रही थी।
बीजेपी इस बार असम गण परिषद (एजीपी) और यूनाइटेड पीपल्स पार्टी लिबरल के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है।
इसके अलावा ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) और असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद (एजेवाईसीपी) ने असम जातीय परिषद (एजेपी) नाम से राजनीतिक दल बनाया है और यह चुनाव भी लड़ रहा है। एजेपी और राइजर दल (आरडी) ने गठबंधन बनाया है।
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