अटल बिहारी वाजपेई की 100वीं जयंती पर पटना में आयोजित भारतीय जनता पार्टी के कार्यक्रम में लोक गायिका देवी को गांधीजी के प्रिय भजन गाने पर माफी मांगनी पड़ी। एक लोकगीत के बाद गायिका देवी ने 'रघुपति राघव राजाराम, पतित पावन सीताराम' भजन गाना शुरू किया। लेकिन जैसे ही उन्होंने "ईश्वर अल्लाह तेरो नाम, सबको सन्मति दे भगवान!" गाया, बापू सभागार में मौजूद तमाम भाजपा कार्यकर्ताओं ने 'अल्लाह' शब्द का विरोध करना शुरू कर दिया। यह विरोध यहां तक पहुंच गया कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने गायिका देवी पर दबाव डाला कि वह इसके लिए माफी मांगें, सॉरी कहें।

भाजपा पर मुद्दों से भटकाने का इल्जाम हमेशा से लगता रहा है। अंबेडकर पर विवादित बयान देने के बाद जब अमित शाह फंस गये और मोदी के सारे ट्वीट फुस्स बम साबित हुए तो पटना में नया विवाद सामने आ गया। वहां पर लोकप्रिय गायिका देवी ने एक कार्यक्रम में महात्मा गांधी का लोकप्रिय भजन गाया तो भाजपा कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। भाजपा नेताओं की सलाह पर देवी को मंच से ही माफी मांगनी पड़ी। जाने-माने चिंतक रविकान्त बता रहे हैं कि भाजपा ऐसी हरकत पहले भी करती रही है।
लेखक सामाजिक-राजनीतिक विश्लेषक हैं और लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में असि. प्रोफ़ेसर हैं।