पूर्वी लद्दाख के सीमांत इलाक़ों में बीते 5 मई से चल रही सैन्य तनातनी दूर करने के लिये सोमवार को दोनों पक्षों के सैन्य और राजनयिक प्रतिनिधियों की हुई छठी बैठक के बाद जारी साझा बयान उम्मीदें पैदा करता है। पहले भी चीन ने साझा बयान में इस तरह के वादे किये हैं। इसलिये ताज़ा साझा बयान में चीन द्वारा तनाव घटाने के उपायों पर दिखाई गई सहमति ज़मीन पर लागू होगी या नही, इस पर पूरे विश्वास के साथ कुछ नहीं कहा जा सकता।
चीन की कथनी और करनी में अब तक हम भारी फर्क देखते आए हैं। इस बार के साझा बयान को इस नज़रिये से भी देखा जा सकता है कि पूर्वी लद्दाख के कई इलाक़ों में जिन चोटियों पर भारतीय सेना ने कब्जा कर लिया, उससे चीन की रणनीतिक स्थिति कमज़ोर हो गई। इसलिये यह सहमति बनी है कि अग्रिम मोर्चो पर अब और अधिक सैन्य तैनाती नहीं की जाएगी।