राहुल गांधी सोमवार को एक बार फिर बिहार की धरती पर पहुँचे। पिछले तीन महीनों में यह उनका तीसरा दौरा है, जो बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के संदर्भ में राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। इस बार राहुल गांधी पटना में 'संविधान सुरक्षा सम्मेलन' में हिस्सा लेने के साथ-साथ बेगूसराय में कन्हैया कुमार की 'पलायन रोको, नौकरी दो' यात्रा में भी शामिल हुए। इस दौरे से कई सवाल उठते हैं। राहुल गांधी बार-बार बिहार क्यों आ रहे हैं? क्या यह कांग्रेस को बूथ स्तर पर मज़बूत करने की रणनीति का हिस्सा है? और कन्हैया कुमार की यात्रा में उनकी भागीदारी से क्या संदेश देने की कोशिश की गई है?
राहुल 3 माह में तीसरी बार बिहार में, कांग्रेस को नई पहचान दिला पाएँगे?
- विश्लेषण
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- सत्य ब्यूरो
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- 7 Apr, 2025
राहुल गांधी तीन महीने में तीसरी बार बिहार पहुँचे हैं। क्या यह कांग्रेस की आक्रामक रणनीति की शुरुआत है? क्या पार्टी को इससे राज्य में नई पहचान मिलेगी या महागठबंधन में दरार और बढ़ेगी? पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

राहुल गांधी का बिहार पर बढ़ता ध्यान कोई संयोग नहीं है। साल 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस राज्य में अपनी खोई हुई जमीन को वापस पाने की कोशिश में जुटी है। पिछले कुछ महीनों में पार्टी ने संगठनात्मक स्तर पर बड़े बदलाव किए हैं। नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति, 40 जिलों में नए जिला अध्यक्षों का चयन और बिहार प्रभारी की नियुक्ति इसके साफ़ संकेत हैं।