बरसों से अटकी हुई जनगणना के काम ने अब फिर रफ्तार पकड़ी है। साल 2025 आते ही जनगणना का वह काम शुरू हो जाएगा जो दरअसल चार साल पहले ही हो जाना चाहिए था। इसके साथ ही सरकार की तरफ से मीडिया को यह संकेेत भी दे दिए गए हैं कि जनगणना चक्र अब बदल जाएगा पहले यह हमेशा नए दशक के पहले साल में होती थी, जैसे 1991, 2001, 2011। अब यह 20025, 2035, 2045... में होगी।

भारत में अगले साल जनगणना कराने के संकेत मिल रहे हैं। हालांकि यह जनगणना 2021 में होना थी। मोदी सरकार ने अगर तय समय पर इसे करा दिया होता तो कोविड महामारी से भारत में जो तमाम सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक बदलाव हुए हैं, उसके असर का पता चल जाता। हालांकि बाकी देशों ने कोविड के असर का पता लगाना उसी समय शुरू कर दिया था। भारत चूक गया।