कोरोना वायरस की मारक दूसरी लहर झेलने के बाद आज भारत के लोग तीसरी लहर की उल्टी गिनती कर रहे हैं। ये तीसरी लहर कब और कितनी बड़ी आएगी, यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम वायरस-वैक्सीन-व्यवस्था के त्रिकोण को कितने अच्छे से समझ पाते हैं।
क्या कोरोना तांडव को अगले सौ दिनों में रोका जा सकता है?
- विश्लेषण
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- 30 Jun, 2021

कोरोना वायरस की मारक दूसरी लहर झेलने के बाद आज भारत के लोग तीसरी लहर की उल्टी गिनती कर रहे हैं। ये तीसरी लहर कब और कितनी बड़ी आएगी, यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम वायरस-वैक्सीन-व्यवस्था के त्रिकोण को कितने अच्छे से समझ पाते हैं।
वायरस की समझ
कोरोना वायरस दूसरे अन्य विषाणुओं की भाँति हर नए शरीर को संक्रमित करने पर रूपांतरित होता ही है। इसीलिए नहीं कि वायरस बुद्धिमान है, पर इसलिए कि यही प्रकृति का नियम है। अधिकाँश रूपांतरण या वैरिएंट निरुपद्रवी होते हैं, तो कुछेक रूपांतरण उपद्रवी भी। 2019 के चीन के वुहान का यह वायरस पिछले 18 महीनों में आल्फा, बीटा, एप्सिलोन, गामा, कप्पा होते हुए आज डेल्टा और डेल्टा प्लस तक रूपांतरित हो गया है जो वुहान के प्रारंभिक प्रारूप से अधिक संक्रामक भी है और संभवतः शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को छकाने वाला भी।