अधिकांश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में भाजपा का वोट शेयर इस चुनाव में गिरा है। यह गिरावट उन्हीं राज्यों में दर्ज हुई है, जहां 2019 के आम चुनाव के बाद लोगों की आमदनी पहले के मुकाबले नहीं बढ़ी। यानी कहा जा सकता है कि अगर हमारी आमदनी नहीं हो रही है तो हम सत्तारूढ़ पार्टी को वोट क्यों दें। इंडियन एक्सप्रेस ने यह विश्लेषण केंद्रीय चुनाव आयोग और राज्यों में प्रति व्यक्ति शुद्ध घरेलू उत्पाद (एनएसडीपी) के डेटा के आधार पर किया है। किसी राज्य में लोगों की प्रति व्यक्ति आय घटने-बढ़ने को आर्थिक संकेत के रूप में लिया जाता है।