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अमृतपाल सिंह

आतंकवाद के आरोपी नेता जेल से चुनाव जीते, क्या शपथ ले पाएंगे?

आतंकवाद फैलाने के आऱोप में जेल में बंद अमृतपाल सिंह पंजाब और इंजीनियर राशिद जम्मू कश्मीर से लोकसभा के लिए चुने गए हैं। दोनों 18वीं लोकसभा के लिए तभी सदस्य बन पाएंगे, जब वे लोकसभा में जाकर शपथ ग्रहण करेंगे। भारतीय कानून के तहत उन्हें लोकसभा जाने की मनाही है लेकिन बतौर संसद सदस्य उन्हें लोकसभा में शपथ लेने का अधिकार है। आने वाले दिनों में यह बहस आगे बढ़ेगी। हालांकि दोनों को ही अभी सजा सुनाई नहीं गई है यानी दोनों मुलजिम हैं, मुजरिम नहीं हैं।

terrorism accused leaders win elections from jail, will they be able to take oath? - Satya Hindi
इंजीनियर राशिद पांच साल से जेल में हैं। अभी तक उन्हें सजा नहीं सुनाई गई।

चुनाव आयोग के मुताबिक अमृतपाल सिंह ने पंजाब की खडूर साहिब सीट से जीत हासिल की। वहीं शेख अब्दुल राशिद, जिन्हें इंजीनियर राशिद के नाम से जाना जाता है, ने जम्मू-कश्मीर की बारामूला सीट से जीत हासिल की। अमृतपाल को कट्टरपंथी सिख उपदेशक माना जाता है, जबकि इंजीनियर राशिद पर टेरर फंडिंग का आरोप है। 

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इंजीनियर राशिद को अभी सजा नहीं सुनाई गई है लेकिन वो पिछले पांच वर्षों से जेल में बंद हैं। इंजीनियर राशिद टेरर फंडिंग के आरोप में 9 अगस्त 2019 को तिहाड़ जेल लाया गया था। अमृतपाल सिंह को अप्रैल 2023 में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। अमृतपाल इस समय असम की डिब्रूगढ़ जेल में है।

इन दोनों के लोकसभा की सदस्यता लेने पर ही सवाल है। संविधान विशेषज्ञ और पूर्व लोकसभा महासचिव पीडीटी अचारी ने एनडीटीवी से कहा कि ऐसे मामलों में हमेशा संवैधानिक नियमों का पालन किया जाना चाहिए। संसद सदस्य के रूप में शपथ लेना एक संवैधानिक अधिकार है।

लेकिन अमृतपाल और इंजीनियर राशिद इस समय जेल में हैं। दोनों को लोकसभा की शपथ लेने संसद तक जाने के लिए जेल अधिकारियों की मंजूरी अनुमति लेनी होगी। लेकिन शपथ लेने के बाद उन्हें वापस जेल में ही आना पड़ेगा।

पीडीटी अचारी ने इस संबंध में संविधान के अनुच्छेद 101(4) का हवाला दिया। यह प्रावधान अध्यक्ष की पूर्व अनुमति के बिना संसद के दोनों सदनों से सदस्यों की गैरहाजिरी से संबंधित है। अचारी ने कहा कि शपथ लेने के बाद दोनों सांसद लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सदन में हाजिर न होने की मजबूरी बताएंगे। इसके बाद अध्यक्ष उनके अनुरोध को सदन की उस समिति को भेज देंगे, जो इस पर विचार करेगी। कमेटी सिफारिश करेगी कि क्या सदस्य को सदन की कार्यवाही से गैरहाजिर रहने की अनुमति दी जाए। इसके बाद अध्यक्ष उसे सदन में मतदान के लिए रखेंगे। सदन जो फैसला सुनाएगा, वो माना जाएगा।

इंजीनियर राशिद और अमृतपाल सिंह को किसी अदालत द्वारा मुजरिम ठहराया जाता है और उन्हें कम से कम दो साल की जेल होती है, तो उनकी लोकसभा की सदस्यता चली जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में ऐसा फैसला सुनाते हुए व्यवस्था दी थी। जिसमें कहा गया है कि ऐसे मामलों में सांसदों और विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। .

सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस फैसले में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(4) को रद्द कर दिया। जिसके तहत ऐसे दोषी सांसदों और विधायकों को अपनी सजा के खिलाफ तीन महीने के अंदर अपील कर सकते थे। 

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क़मर वहीद नक़वी
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