तालिबान के झूठे वादों पर यक़ीन कर रहे और सम्मोहक हेडलाइन लगा रहे लिबरल लोगों और मीडिया ने इतिहास से कुछ नहीं सीखा। सीखा होता तो तालिबान को शक की नज़र से देखते।
जब पूरा देश और मीडिया न्यायालय से पहले ख़ुद ही न्यायालय बन बैठा था और रिया चक्रवर्ती को अपराधी साबित करने में जुटा हुआ था, मुंबई हाईकोर्ट ने यह कहते हुए उसे ज़मानत दे दी कि रिया पर कोई आपराधिक मामला नहीं बन रहा है।