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वाशिंगटन पोस्ट, एलए टाइम्स इस बार उम्मीदवारों का समर्थन क्यों नहीं कर रहे?

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अमेरिकी अख़बारों द्वारा किसी उम्मीदवार को एंडोर्स यानी समर्थन करने से किसको ज़्यादा नुक़सान होगा? डोनाल्ड ट्रंप को या फिर कमला हैरिस को? वैसे तो इस सवाल का जवाब बेहद आसानी से मिल जाता है, लेकिन इस बार इंडोर्समेंट को लेकर जिस तरह की घटना अमेरिका में हुई है, वह बेहद रोचक और चौंकाने वाली है। 

अमेरिका का एक प्रतिष्ठित अख़बार वाशिंगटन पोस्ट के संपादकीय बोर्ड ने तो कमला हैरिस को एंडोर्स करने का फ़ैसला ले लिया था, लेकिन कंपनी के मालिक ने ऐन मौक़े पर इसको रोक दिया और अपनी लंबी परंपरा पलट दी। एक अन्य अख़बार ने भी अपनी परंपरा पलट दी और इस बार एंडोर्स नहीं करने का फ़ैसला लिया। वैसे, ट्रंप की बड़े-बड़े अख़बारों से नहीं पटती रही है। तो सवाल है कि क्या चुनाव जीतने के लिए यह कोई खेल खेला जा रहा है?

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इस सवाल का जवाब जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर अख़बारों द्वारा उम्मीदवार को एंडोर्समेंट का यह मामला क्या है। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों का समर्थन करने वाले अखबारों के संपादकीय पन्नों की परंपरा एक सदी से भी ज़्यादा पुरानी है। समाचार पत्र उस उम्मीदवार का समर्थन करके जागरूक मतदान को प्रोत्साहित करना चाहते हैं जिसके बारे में उन्हें लगता है कि वह उनके पाठकों को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों पर सबसे बेहतर नेतृत्व कर सकता है।

एंडोर्समेंट यानी समर्थन का मतलब यह नहीं है कि अख़बार उम्मीदवार के लिए प्रचार करता है। अख़बार पत्रकारिता की नैतिकता को बनाए रखता है और निष्पक्ष कवरेज करता है। यही कारण है कि कई अख़बारों के अलग-अलग संपादकीय बोर्ड होते हैं जो विचार, संपादकीय और एंडोर्समेंट को संभालते हैं, और समाचार टीमों से अलग होते हैं।

अमेरिका में यह प्रथा कितनी पुरानी है, यह इससे समझा जा सकता है कि 11 अक्टूबर 1860 को द न्यूयॉर्क टाइम्स ने अब्राहम लिंकन को एंडोर्स किया था। यह भी तथ्य है कि समाचार पत्रों द्वारा समर्थित उम्मीदवार हमेशा जीतते नहीं हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट रिपोर्ट के अनुसार, 1897 में लगभग सभी न्यूयॉर्क समाचार पत्रों ने हारने वाले उम्मीदवारों का समर्थन किया था। हालाँकि, 1940 से 2016 तक लगभग सभी राष्ट्रपति चुनावों में जिस उम्मीदवार को सबसे अधिक समाचार पत्रों का एंडोर्समेंट हासिल हुआ, वह व्हाइट हाउस में प्रवेश कर गया। वाशिंगटन पोस्ट का मामला बेहद दिलचस्प है। 
वाशिंगटन पोस्ट के संपादकीय बोर्ड ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के समर्थन का मसौदा पहले ही तैयार कर लिया था। लेकिन वाशिंगटन पोस्ट के मुख्य कार्यकारी और प्रकाशक विल लुईस ने कहा कि अख़बार किसी को एंडोर्स नहीं करेगा।

वाशिंगटन पोस्ट के मुख्य कार्यकारी और प्रकाशक विल लुईस ने शुक्रवार को घोषणा की कि अखबार 5 नवंबर के चुनाव और भविष्य के चुनावों में राष्ट्रपति पद के लिए किसी उम्मीदवार का समर्थन नहीं करेगा। द न्यूयॉर्क टाइम्स ने रिपोर्ट दी है कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का समर्थन करने की अखबार की नीति को बदलने का फ़ैसला इसके मालिक जेफ बेजोस ने लिया था।

द इंडियन एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट में कहा है कि कुछ दिन पहले लॉस एंजिल्स टाइम्स ने भी किसी उम्मीदवार का समर्थन नहीं करने का फैसला किया था। 1988 के बाद यह पहली बार है जब वाशिंगटन पोस्ट किसी उम्मीदवार का समर्थन नहीं करेगा। एलए टाइम्स ने 1976-2004 तक कोई समर्थन नहीं किया, लेकिन 2008 में यह प्रथा फिर से शुरू कर दी।

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वाशिंगटन पोस्ट में एक लेख में लुईस ने लिखा कि समाचार पत्र 'राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों का समर्थन न करने की अपनी जड़ों की ओर लौट रहा है'। उन्होंने 1960 में जॉन एफ कैनेडी और रिचर्ड निक्सन के बीच हुए चुनाव में द पोस्ट के समर्थन को प्रकाशित न करने के निर्णय का हवाला दिया। हालांकि, अखबार ने 1952 में आइजनहावर का समर्थन किया और 1976 में जिमी कार्टर का समर्थन किया। रिपब्लिकन आइजनहावर और डेमोक्रेट कार्टर दोनों ही जीते थे।

लॉस एंजिलिस टाइम्स के मालिक पैट्रिक सून-शियॉन्ग ने अखबार को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि समर्थन न देना उथल-पुथल भरे चुनाव में कम विभाजनकारी होगा। समर्थन न करने के निर्णय से दोनों अखबारों के कर्मचारी नाराज हैं। द वाशिंगटन पोस्ट गिल्ड और द लॉस एंजिल्स टाइम्स गिल्ड ने अपने मालिकों के निर्णयों पर चिंता व्यक्त की है।

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, द पोस्ट के संपादक रॉबर्ट कैगन और द एलए टाइम्स के संपादकीय संपादक मारियल गार्ज़ा ने विरोध में इस्तीफ़ा दे दिया है। पोस्ट के रिपोर्टर बॉब वुडवर्ड और कार्ल बर्नस्टीन ने एक बयान में कहा कि "यह निर्णय... डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लोकतंत्र के लिए उत्पन्न खतरे पर द वाशिंगटन पोस्ट के अपने खुद के मज़बूत रिपोर्टिंग साक्ष्य को अनदेखा करता है'।

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ट्रम्प अमेरिकी राजनीतिक इतिहास में सबसे अधिक ध्रुवीकरण करने वाले व्यक्तियों में से हैं, जिनके विचारों और कार्यों ने अमेरिकियों को बाँट दिया है। 2016 से जब उन्होंने पहली बार जीत हासिल की, ट्रम्प मीडिया में अपनी आलोचना के प्रति बेहद शत्रुतापूर्ण रहे हैं और उन्होंने बार-बार द न्यूयॉर्क टाइम्स और द वाशिंगटन पोस्ट जैसे समाचार पत्रों की 'फर्जी खबर' के रूप में निंदा की है।

इन निर्णयों के आलोचकों ने आरोप लगाया है कि बेजोस और सून-श्योंग के पास ट्रंप को नाराज़ न करने के व्यावसायिक कारण हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि बेजोस की कंपनी अमेजन के पास अमेरिकी संघीय सरकार के साथ क्लाउड कंप्यूटिंग अनुबंधों में अरबों डॉलर हैं, और उनकी रॉकेट कंपनी ब्लू ओरिजिन के पास स्पेस फोर्स और नासा के साथ अनुबंध हैं। अमेजन पर एक एंटी-ट्रस्ट मुकदमा भी चल रहा है जिसे बाइडन प्रशासन ने 2023 में लाया था।

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क़मर वहीद नक़वी
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