चाबहार पोर्ट को विकसित करने पर भारत-ईरान ने सोमवार को दस साल का समझौता किया। लेकिन इस समझौते पर अमेरिका की नजरें टेढ़ी हो गईं हैं। उसने प्रतिबंधों की धमकी दी है। हालांकि अमेरिका खुद को भारत का अच्छा मित्र बताता रहा है लेकिन उसे चाबहार पर भारत-ईरान समझौता हजम नहीं हो रहा है। भारत ने यह रणनीतिक समझौता ऐसे समय में किया है जब पाकिस्तान कराची और ग्वादर पोर्ट को विकसित करने के लिए चीन की मदद काफी समय से ले रहा है। ग्वादर और चाबहार कारोबार की नजर से बहुत महत्वपूर्ण बंदरगाह हैं। ईरान, अफगानिस्तान और मध्य एशियाई देशों में माल ट्रांसपोर्ट के लिए ओमान की खाड़ी के साथ-साथ ईरान के दक्षिण-पूर्वी तट पर चाबहार महत्वपूर्ण केंद्र है। इसीलिए भारत की दिलचस्पी इस पोर्ट में है।