भारत ने यूक्रेन में भारतीय दूतावास के अधिकारियों के परिवार से वापस आने को कहा। यह जानकारी देर रात विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने दी। इससे पहले यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने आज एक ट्वीट में कहा था कि भारतीय नागरिकों को रूस द्वारा संभावित आक्रमण पर तनाव के बीच देश से जाने के लिए किसी भी उपलब्ध वाणिज्यिक या चार्टर उड़ान की तलाश करनी चाहिए। यूक्रेन-रूस के बीच संभावित युद्ध टालने के लिए फ्रांस ने रविवार को आखिरी कोशिश की। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की। पुतिन ने कहा कि संकट टालने को तैयार हैं। ताजा घटनाक्रम यह है कि पुतिन और बिडेन की मुलाकात मुमकिन है। कई लोग इस मुलाकात के लिए सक्रिय हैं। हालांकि अमेरिका, यूरोप के प्रचार तंत्र के मुताबिक यूक्रेन पर रूस कभी भी हमला कर सकता है। खबर है कि यूक्रेनी कमांडरों ने पूर्वी यूक्रेन में भारी गोलाबारी की सूचना दी है।
मैक्रॉन ने 7 फरवरी को पुतिन से मुलाकात की थी। उसके बाद जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ भी अपनी कोशिश में जुट गए। फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय ने बताया कि रविवार का आह्वान "यूक्रेन में एक बड़े संघर्ष से बचने के लिए अंतिम संभव और आवश्यक प्रयास है।
उधर, सरकारी बलों और लुगांस्क और डोनेट्स्क जिलों के कुछ हिस्सों पर कब्जा करने वाले मास्को समर्थित विद्रोहियों के बीच रात में बहुत ज्यादा बमबारी सुनी गई।
नाटो का रुख
नाटो प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा, सारे संकेत यही बताते हैं कि रूस यूक्रेन के खिलाफ एक बड़े हमले की योजना बना रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन भी यही मानते हैं कि हमला कभी भी हो सकता है।
इस बीच यूक्रेन के बड़े जनरल वालेरी ज़ालुज़्निया ने कहा है कि रूसी सैनिक अस्थायी रूप से कब्जे वाले डोनेट्स्क और लुगांस्क में आतंकी कारनामों को अंजाम देने की योजना बना रही हैं। विद्रोही बलों ने भी यूक्रेन की सेना के बारे में इसी तरह के दावे किए हैं।
लुगांस्क विद्रोहियों ने रविवार को दावा किया कि उन्होंने यूक्रेनी बलों द्वारा किए गए एक हमले को नाकाम कर दिया, जिसमें दो नागरिक मारे गए थे।
पश्चिमी देशों का कहना है कि रूस ने मिसाइल से लैस 150,000 सैनिकों और युद्धपोतों को यूक्रेन सीमा के पास तैनात कर दिया है, जो कभी भी हमला कर सकते हैं।
इन सैनिकों में से करीब 30,000 बेलारूस में हैं। यहां से यूक्रेन की सीमा और राजधानी कीव बहुत नजदीक हैं।
बहरहाल, म्यूनिख में पश्चिमी देशों ने रूस पर हमला करने पर भारी प्रतिबंधों की चेतावनी दे रखी है।
अपनी राय बतायें