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यह फोटो यूएस मिलिट्री ने जारी किया है। जंजीरों से बंधे अप्रवासियों को इसमें देखा जा सकता है।

ट्रम्प को झटकाः मेक्सिको ने यूएस मिलिट्री प्लेन को उतरने से मना किया

मेक्सिको ने एक अमेरिकी सैन्य विमान को उतरने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। इसमें यूएस से मेक्सिको अप्रवासियों को डिपोर्ट किया जा रहा था। अमेरिका से अप्रवासियों को डिपोर्ट करने की ट्रम्प प्रशासन की योजना कम से कम फिलहाल नाकाम हो गई है। यह ट्रम्प के लिए भी बड़ा झटका है। क्योंकि अगर बाकी देशों ने भी ऐसी फ्लाइट्स को उतरने की अनुमति नहीं दी तो खुद अमेरिका में बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा। 

खबरों में बताया गया है कि ग्वाटेमाला जाने वाले दो वायु सेना सी-17 विमान गुरुवार रात लगभग 80 लोगों को लेकर अमेरिका से बाहर आए। लेकिन मेक्सिको के लिए तय तीसरी फ्लाइट कभी उड़ान नहीं भर पाई। यानी मेक्सिको ने जब अनुमति नहीं दी तो वो फ्लाइट फिर जा ही नहीं सकी।

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यह अभी साफ नहीं है कि मेक्सिको ने उड़ान क्या कहकर रोकी है। लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नवंबर में चुनाव जीतने के बाद से अमेरिका और मेक्सिको के बीच तनाव बढ़ गया है। ट्रम्प ने प्रवासियों को लेकर मेक्सिको पर 25% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। लेकिन उन्होंने अभी तक इन्हें लागू नहीं किया है। अमेरिका और मेक्सिको लंबे समय तक सहयोगी रहे हैं। लेकिन ट्रम्प के सत्ता संभालने के बाद हालात बदल गये हैं।

मैक्सिकन राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम की सरकार ने कहा है कि वह यूएस के इमीग्रेशन मानकों को लागू करने के लिए ट्रम्प की "एकतरफा" कार्रवाई का विरोध करती है। निर्वासित लोगों को किसी दूसरे देश में ले जाने के लिए उस देश की सरकार के सहयोग की जरूरत होती है। मेक्सिको ने अपना रुख साफ कर दिया है। दूसरी तरफ भारत के विदेश मंत्री तो इसे यूएस में रह रहे अवैध अप्रवासी भारतीयों के लिए मौका बता रहे हैं कि वो बिना कागज भारत लौट सकते हैं। यानी भारत अपने अप्रवासियों को हाथोंहाथ लेने को तैयार है।
एक बयान में, मेक्सिको के विदेश मंत्रालय ने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया कि अमेरिकी विमान को देश में उतरने की अनुमति क्यों नहीं दी गई। बयान में कहा गया है, ''मेक्सिको के यूएस के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं और हम प्रवासन सहित कई मुद्दों पर अपनी संप्रभुता का सम्मान करते हुए सहयोग करते हैं। जहां तक अप्रवासियों के स्वदेश वापसी की बात है, तो हम हमेशा मेक्सिकोवासियों के आगमन का स्वागत करते हैं।”

सैन्य डिपोर्टेशन फ्लाइट्स ट्रम्प प्रशासन की व्यापक कार्रवाई का हिस्सा हैं, जिसे उन्होंने अपने आदेश से पहले ही दिन जारी किया था। ट्रम्प ने अपने चुनाव अभियान के दौरान अमेरिका में अवैध आप्रवासन को रोकने और देश में पहले से ही रह रहे गैर-दस्तावेजी आप्रवासियों के बड़े पैमाने पर डिपोर्ट करने का अभियान चलाने की कसम खाई थी। उड़ानों के अलावा, उन्होंने अमेरिकी बॉर्डर पर 1,500 सैनिकों को तैनात किया है।

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कई स्थानों पर छापे

न्यू जर्सी के अधिकारियों और आप्रवासी अधिकारों के वकीलों ने नेवार्क शहर में एक छोटे व्यवसाय पर बिना वारंट के कार्यस्थल पर छापेमारी करने के लिए फेडरल आप्रवासन अधिकारियों की आलोचना की। नेवार्क के मेयर रास बराका ने कहा कि अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन के कई एजेंटों ने पीछे से प्रवेश किया। तीन गैर-दस्तावेज श्रमिकों को गिरफ्तार किया गया। उन कर्मचारियों को हिरासत में लिया और उनसे भी पूछताछ की जो अमेरिकी नागरिक हैं।डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़े मेयर ने कहा, "लोगों की उंगलियों के निशान लिए गए। उनकी आईडी और चेहरों की तस्वीरें वहां ली गईं। मैं भयभीत, परेशान, क्रोधित हूं कि इस राज्य में, इस देश में ऐसा होगा, और इसकी अनुमति दी जाएगी।"

सरकारी एजेंसी ने पूरे अमेरिका में एक दिन में 538 अवैध अप्रवासियों को गिरफ्तार किया। इस बीच जब बोस्टन जैसे शहर में भी आव्रजन छापों की खबरें हैं।

(इस रिपोर्ट का संपादन यूसुफ किरमानी ने किया)
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क़मर वहीद नक़वी
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