समानता की लड़ाई दुनिया भर में बहुत पुरानी है जोकि हर दौर में लड़ी जाती रही
है। इसको लड़ने वालों को कुछ में जीत मिली तो कुछ अभी भी चल रही हैं। स्त्री और
पुरुष के बीच हर स्तर पर समानता की ऐसी ही एक लड़ाई जर्मनी में भी चल रही थी। जिसको
लड़ने वाली महिला को हाल ही में जीत मिली है।
जर्मनी के बर्लिन में एक महिलाओं और पुरुषों को सार्वजनिक स्थानों पर बने पूल
में नहाने को लेकर अलग-अलग नियम थे। पुरुष जहां निर्वस्त्र होकर नहाने और धूप
सेंकने की गतिविधियां कर सकते थे वहीं महिलाओं को इसकी अनुमति नहीं थी।
ख़ास ख़बरें
पिछले दिनों एक महिला जर्मनी के सीनेट ओंबुड्सपर्सन के यहां इस नियम के खिलाफ लीगल
एक्शन के तौर इसकी शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत का आधार महिला और पुरुष के बीच भेदभाव
बताया गया था। महिला ने अपनी शिकायत में इस नियम को बदलने और महिलाओं को निर्वस्त्र
होकर सार्वजनिक स्थान पर नहाने व धूप सेंकने के अधिकार की मांग की थी।
बीबीसी के अनुसार,
उस महिला की शिकायत के
बाद बर्लिन के अधिकारियों ने अब इस नियम में बदलाव की बात मान लिया है। शहर के अधिकारियों ने गुरुवार को घोषणा भी कर
दी है। जल्द ही इस संबंध में नए नियमों को लागू भी कर दिया जाएगा। जिस महिला की पहल के बाद इन नियमों
में बदलाव किया गया है, उसकी पहचान को गुप्त रखा गया है।
दुनिया से और खबरें
आउटलेट के अनुसार, बर्लिन के अधिकारियों ने उस महिला की शिकायत पर सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि वे भेदभाव के शिकार हुई थीं। नियमों में बदलाव करते हुए कहा गया है कि बर्लिन के किसी भी पूल में आने वाले सभी लोग अब टॉपलेस हो सकते हैं बिना किसी कानूनी कार्रवाई या डर के।
महिला की शिकायत और इस
मामले में ओंबुड्सपर्सन की भागीदारी के बाद ‘बर्लिनर बेडरबेट्रिब’ ने अपने कपड़ों
के नियमों में बदलाव कर दिया है। बर्लिनर बेडरबेट्रिब’ शहर के सभी सार्वजनिक
पूलों का संचालन करता है।
द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट
के अनुसार, ओंबुड्सपर्सन ऑफिस के प्रमुख डोरिस
लिब्स्चर ने कहा, " , ओंबुड्सपर्सन
ऑफि बेडरबेट्रिब के फैसले का
स्वागत करता है, क्योंकि यह सभी
बर्लिनवासियों के लिए समान अधिकार स्थापित करता है, चाहे वह पुरुष, महिला या गैर-बाइनरी हो, और क्योंकि यह
बेडरबेत्रियों के कर्मचारियों के लिए कानूनी निश्चितता भी पैदा करता है।
अपनी राय बतायें