अमेरिका ने यूक्रेन में रह रहे अपने नागरिकों को चेताया है कि वे 48 घंटे के भीतर इस मुल्क को छोड़ दें। अमेरिका ने कहा है कि रूस कभी भी यूक्रेन पर हमला कर सकता है। बता दें कि लंबे वक्त से इस बात की आशंका जताई जा रही है कि रूस यूक्रेन पर हमला कर सकता है।
अमेरिका ने कहा है कि रूस का यह हमला हवाई बमबारी से शुरू हो सकता है और तब उनके नागरिकों का वहां से निकलना मुश्किल हो जाएगा और उनका जीवन खतरे में पड़ सकता है।
हालांकि रूस लगातार इस बात से इनकार कर रहा है कि वह यूक्रेन पर हमला करेगा लेकिन यूक्रेन की सीमा पर लाखों रूसी सैनिक हथियार और गोला बारूद के साथ तैनात हैं।
इसके साथ ही अमेरिका यूक्रेन में अपने दूतावास को भी खाली कराने जा रहा है। अमेरिका ने कहा है कि यूक्रेन में स्थित अमेरिकी दूतावास में काम करने वाले अमेरिका के नागरिकों को भी तुरंत देश छोड़ देना चाहिए।
अमेरिका के बाद कई और देश भी यूक्रेन में रहने वाले अपने नागरिकों के लिए चेतावनी जारी कर रहे हैं। इन देशों में ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और नीदरलैंड शामिल है। इन्होंने भी अपने नागरिकों से कहा है कि वह जल्द से जल्द यूक्रेन को छोड़ दें।
हालांकि दुनिया के तमाम देश कोशिश कर रहे हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे तनाव को कम किया जाए और युद्ध को टाला जाए। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों इसे लेकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत कर सकते हैं।
अगर रूस और यूक्रेन में युद्ध होता है तो निश्चित रूप से यह दुनिया भर के लिए एक बड़े संकट के तौर पर सामने आएगा। रूस ने यूक्रेन को कई मोर्चों पर घेर लिया है। हथियारों के मामले में रूस दुनिया की बड़ी ताकत है और ऐसा माना जा रहा है कि यूक्रेन उसके सामने नहीं टिक पाएगा।
क्या चाहते हैं पुतिन?
व्लादिमीर पुतिन नहीं चाहते कि यूरोपीय संघ और नेटो संगठन का फैलाव रूस की सीमा तक हो। इसलिए वे अमेरिका और नेटो से इस बात की गारंटी चाहते हैं कि यूक्रेन को नेटो और यूरोपीय संघ में शामिल नहीं किया जाएगा। जबकि अमेरिका और उसके साथी नेटो संगठन के देशों का कहना है कि पुतिन जिस गारंटी की मांग कर रहे हैं उसे दे पाना संभव ही नहीं है। क्योंकि वह अंतर्राष्ट्रीय क़ायदे-कानूनों का उल्लंघन और यूक्रेन की प्रभुसत्ता का अतिक्रमण होगा।
अमेरिका और यूरोप के देश केवल इतना आश्वासन दे रहे हैं कि फ़िलहाल यूक्रेन को यूरोपीय संघ और नेटो की सदस्यता देने का न तो कोई प्रस्ताव है और न ही ऐसी कोई योजना है। पर वे यह चेतावनी भी दे रहे हैं कि वे एकजुट होकर यूक्रेन के साथ हैं। अगर रूस ने यूक्रेन की सीमाओं को पार करने या और किसी तरह की गड़बड़ी करने की कोशिश की तो अमेरिका और यूरोपीय देश इसका जोरदार जवाब देंगे।
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