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यूक्रेन में फँसे लोगों को निकालने के लिए रूस ने किया युद्धविराम

रूसी सेना ने नागरिकों की सुरक्षा के मद्देनज़र मानवीय गलियारे खोलने के लिए यूक्रेन में 0700 GMT से युद्धविराम की घोषणा की है। 0700 जीएमटी का मतलब है कि भारतीय समय अनुसार दोपहर के 12:30 बजे से युद्धविराम है। रूस का यह युद्धविराम यूक्रेन के 4 शहरों- कीव,  मारियूपोल, खारकीव और सूमी में हुआ है। स्पुतनिक की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, रूस ने यह फ़ैसला तब लिया जब उसके राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से फोन पर बात की। 

इस मानवीय गलियारे के खोलने के फ़ैसले से यूक्रेन में फँसे भारतीयों को निकालने में मदद मिल सकती है। कहा जा रहा है कि अभी भी उत्तर पूर्वी यूक्रेन के सूमी शहर में बड़ी संख्या में भारतीय फँसे हुए हैं। ऐसे ही फँसे हुए भारतीयों के मद्देनज़र यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने रविवार को सभी भारतीय नागरिकों से तत्काल निकासी के लिए एक गूगल फॉर्म भरने को कहा था। 

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इस फॉर्म में अन्य कई जानकारियों के साथ ही उनकी लोकेशन की जानकारी भी मांगी गई। गूगल फ़ॉर्म में यूक्रेन में फँसे भारतीय नागरिकों को अपनी ईमेल आईडी, पूरा नाम, आयु, लिंग, पासपोर्ट नंबर, यूक्रेन में पता, यूक्रेन में संपर्क नंबर और भारत में संपर्क नंबर दर्ज करने की भी ज़रूरत है। यूक्रेन में फँसे भारतीयों को निकालने के लिए भारत ने निकासी मिशन ऑपरेशन गंगा चलाया है।

यूक्रेन के दूतावास से अलग हंगरी में भारतीय दूतावास ने रविवार को ट्वीट किया था, 'महत्वपूर्ण घोषणा: भारतीय दूतावास ने आज (रविवार को) ऑपरेशन गंगा उड़ानों के अपने अंतिम चरण की शुरुआत की।'

सैकड़ों भारतीय छात्र अभी भी उत्तर पूर्वी यूक्रेन में फंसे हुए हैं। सरकार ने यूक्रेन और रूस से एक सुरक्षित गलियारा देने को कहा था जिससे सभी भारतीयों को निकाला जा सके। इसके साथ ही उसने छात्रों को सुरक्षा के लिए सावधानी बरतने, शेल्टर के अंदर रहने और अनावश्यक जोखिम से बचने की सलाह दी थी। 
विदेश मंत्रालय का यह आश्वासन तब आया था जब उत्तर पूर्वी यूक्रेन के सूमी शहर में फँसे भारतीय छात्रों ने कई वीडियो साझा किए।

एक वीडियो में उन्होंने कहा कि उन्होंने 50 किलोमीटर दूर रूसी सीमा तक एक जोखिम भरा यात्रा करने का फ़ैसला किया है। उन्होंने दावा किया कि यह सूमी से उनका 'आख़िरी वीडियो' होगा। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें कुछ हुआ तो भारत सरकार और यूक्रेन में उसका दूतावास ज़िम्मेदार होगा। हालाँकि, दूतावास द्वारा संपर्क किए जाने के बाद छात्रों ने नहीं छोड़ने का फ़ैसला किया है।

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केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि क़रीब 16 हज़ार लोगों को अब तक यूक्रेन से निकाला जा चुका है। उन्होंने ट्वीट किया, 'ऑपरेशनगंगा अपडेट: हमने 76 उड़ानों के माध्यम से 15920 से अधिक छात्रों को सफलतापूर्वक निकाला है। विस्तृत जानकारी-

रोमानिया - 6680 (31 उड़ानें)

पोलैंड - 2822 (13 उड़ानें)

हंगरी - 5300 (26 उड़ानें)

स्लोवाकिया - 1118 (6 उड़ानें)।

बता दें कि रूस ने 24 फ़रवरी को यूक्रेन पर हमला किया था। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने शनिवार को कहा है कि लड़ाई शुरू होने के बाद से कम से कम 331 नागरिकों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, लेकिन वास्तविक संख्या शायद इससे कहीं अधिक है। बड़ी संख्या में सैनिकों के भी मारे जाने की ख़बरें हैं। युद्ध के बाद लाखों लोग यूक्रेन से भाग गए हैं।
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क़मर वहीद नक़वी
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