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पाकिस्तान में कोरोना महामारी जैसा नहीं, प्रतिबंध हटाएं: सुप्रीम कोर्ट; डॉक्टर्स चिंतित

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इमरान ख़ान सरकार को आदेश दिया है कि वह कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए वीकेंड में व्यवसाय बंद रखे जाने के प्रतिबंध को हटा दे। 

न्यूज़ एजेंसी रायटर्स के मुताबिक़, अदालत ने कहा, ‘ऐसा नहीं लगता कि कोरोना वायरस पाकिस्तान में कोई महामारी है।’ अदालत ने यह सवाल भी उठाया कि कोरोना से लड़ने में आख़िर इतना पैसा क्यों ख़र्च किया जा रहा है क्योंकि पाकिस्तान इससे बहुत ज़्यादा प्रभावित नहीं है। 

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अदालत ने कहा कि अगर स्वास्थ्य विभाग कोई आपत्ति न करे तो शॉपिंग मॉल्स को फिर से खोल दिया जाना चाहिए। अदालत ने सोमवार को यह आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया था। 

अदालत का यह आदेश ऐसे वक्त में आया है जब देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 42,125 हो चुकी है और मरने वालों का आंकड़ा 903 हो चुका है। 

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा है कि जितने मामलों का अनुमान लगाया गया था, उस हिसाब से कोरोना का संक्रमण नहीं फैला है। इमरान ख़ान सरकार ने पिछले हफ़्ते दुकानों को खोलने की भी अनुमति दे दी थी। अदालत ने कहा कि जब बाज़ारों को खोल दिया गया है तो शॉपिंग मॉल्स को बंद रखने के लिए कोई कारण नहीं दिया जा सकता। 

लेकिन डॉक्टर्स ने दुकानों को खोले जाने की आलोचना की है। पाकिस्तान यंग डॉक्टर्स एसोसिएशन के सचिव सलमान काज़मी ने रॉयटर्स से कहा कि इससे निश्चित तौर पर कोरोना के मामले बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि वे अस्पतालों पर आने वाले दबाव को लेकर चिंतित हैं। 

ईद के नजदीक आने के चलते बाज़ारों में बड़ी संख्या में लोगों के उमड़ने की उम्मीद है और ऐसे में कोरोना का संक्रमण फैल सकता है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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