एक विवादास्पद कदम के तहत पाकिस्तान सरकार ने सोमवार को घोषणा की है कि वह राज्य विरोधी गतिविधियों में कथित संलिप्तता को लेकर इमरान ख़ान की पार्टी पर प्रतिबंध लगाएगी। इसके साथ ही सरकार उनके और उनकी पार्टी के दो वरिष्ठ सहयोगियों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करेगी। अप्रैल 2022 में प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के बाद से 71 वर्षीय खान अपने ख़िलाफ़ कई मामलों के कारण रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं। सरकार के इस क़दम पर पीटीआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सरकार से आग्रह किया कि वह ‘पाकिस्तान की नींव न हिलाए’।
पाकिस्तान के प्रमुख अंग्रेजी अख़बार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह चौंकाने वाली घोषणा की। उन्होंने कहा, 'विदेशी फंडिंग मामले में, 9 मई के दंगों और सिफर प्रकरण के साथ-साथ अमेरिका में पारित प्रस्ताव को देखते हुए, हमारा मानना है कि इमरान खान की पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ यानी पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने के लिए बहुत विश्वसनीय सबूत मौजूद हैं।'
जियो न्यूज ने बताया कि पीटीआई के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए संघीय सरकार ने पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ, इसके संस्थापक इमरान खान और पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के खिलाफ अनुच्छेद 6 के तहत देशद्रोह का मामला दर्ज करने का फैसला किया है। तरार ने कहा कि अगर देश को आगे बढ़ना है तो वह पीटीआई के रहते ऐसा नहीं कर सकता।
तरार ने कहा, 'हमारे धैर्य और सहनशीलता को हमारी कमजोरी माना जाता है। पीटीआई और पाकिस्तान एक साथ नहीं रह सकते क्योंकि सरकार देश को राजनीतिक और आर्थिक रूप से स्थिर करने की कोशिश कर रही है, जबकि इसके प्रयासों को विफल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।' उन्होंने कहा कि संघीय सरकार पार्टी पर प्रतिबंध लगाने के लिए याचिका दायर करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का रुख करेगी।
जियो न्यूज ने कहा है कि पिछले साल 9 मई की घटनाओं में पूर्व सत्तारूढ़ पार्टी की संलिप्तता और पीटीआई के पूर्व या वर्तमान नेताओं द्वारा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ़ के साथ पाकिस्तान के सौदे को विफल करने के प्रयासों के मद्देनजर ये निर्णय लिए गए।
उस समय का ज़िक्र करते हुए जब तत्कालीन सरकार ने 2022 में इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव के दौरान विधानसभाओं को भंग करने का फ़ैसला किया था, मंत्री ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन ने तत्कालीन प्रधानमंत्री, तत्कालीन राष्ट्रपति अल्वी और तत्कालीन नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी के खिलाफ मामला दर्ज करने का भी फैसला किया है।
डॉन अखबार ने तरार के हवाले से कहा, 'आपने अपने राजनीतिक हितों की खातिर देश के राजनयिक संबंधों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की और अमेरिका में पाकिस्तान के खिलाफ प्रस्ताव पारित करवा लिया।'
सरकार का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षित सीटों के मामले में पीटीआई को राहत दिए जाने के साथ-साथ अवैध विवाह मामले में इमरान खान को राहत दिए जाने के बाद आया है। एक महत्वपूर्ण फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि इमरान खान की पीटीआई राष्ट्रीय और चार प्रांतीय विधानसभाओं में महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीटों के लिए पात्र है। अगर सीटें आवंटित की जाती हैं, तो पीटीआई 109 सीटों के साथ नेशनल असेंबली में सबसे बड़ी पार्टी बन जाएगी।
शनिवार को जिला एवं सत्र न्यायालय ने खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी (49) की गैर-इस्लामिक शादी के मामले में दोषसिद्धि को पलट दिया। यह मामला दो शादियों के बीच मुस्लिम महिलाओं के लिए अनिवार्य प्रतीक्षा अवधि के उल्लंघन से जुड़ा है। पीटीआई संस्थापक और उनकी पार्टी के सैकड़ों सहयोगियों पर कई मामलों में मुकदमा चल रहा है, जिसमें आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत एक मामला भी शामिल है। यह मामला पिछले साल 9 मई को उनके समर्थकों द्वारा किए गए हिंसक विरोध प्रदर्शनों से जुड़ा है, जिसमें पाकिस्तान भर में प्रमुख सैन्य प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचा था।
पीटीआई की प्रतिक्रिया
प्रतिबंध पर प्रतिक्रिया देते हुए पीटीआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सरकार से आग्रह किया कि वह ‘पाकिस्तान की नींव न हिलाए’। इसने पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर और उनकी ‘कठपुतली सरकार’ की भी निंदा की। पोस्ट में लिखा गया, 'जनरल असीम मुनीर और उनकी कठपुतली सरकार का मूड तहरीक-ए-इंसाफ के जनादेश को वापस करने की प्रक्रिया के बाद बढ़ रहा है, जो 8 फरवरी को दिया गया था। इसके बाद वे तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी पर प्रतिबंध लगाने के बारे में दिवास्वप्न देखने लगे हैं। जनरल असीम मुनीर, ध्यान रखें और संविधान के साथ खेलना बंद करके पाकिस्तान की नींव को और न हिलाएं।'
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