पाकिस्तान में चुनाव एक साल की देरी से हो रहा है। नाम का चुनाव है। सेना जिसको चाहती है, वही सत्ता में आता है। पाकिस्तान को तमाम तरह की बढ़ती चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है - जिसमें आर्थिक अनिश्चितता, लगातार आतंकवादी हमले खास हैं। पाकिस्तान पर यह धब्बा लगा हुआ है कि वहां लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित प्रधानमंत्री ने कभी भी पूर्ण कार्यकाल पूरा नहीं किया है।