पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद को कार्यवाहक प्रधानमंत्री पद के लिए नामित किया है। इमरान की ओर से यह प्रतिक्रिया तब आई है जब राष्ट्रपति ने आज ही कुछ घंटे पहले प्रधानमंत्री इमरान ख़ान और विपक्ष के नेता से कार्यवाहक प्रधानमंत्री पद के लिए नाम भेजने के लिए कहा था। दोनों तरफ़ से सहमति बनने के बाद ही कार्यवाहक प्रधानमंत्री तय होंगे। विपक्ष के नेता ने ऐसी किसी प्रक्रिया में भाग लेने से इनकार किया है, जबकि इमरान ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री के लिए नाम भेजा है।
इसकी घोषणा इमरान ख़ान की पार्टी पीटीआई के नेता फवाद चौधरी ने की। उन्होंने कहा कि प्रीमियर ने पीटीआई की कोर कमेटी से मंजूरी के बाद निर्णय लिया है।
पाकिस्तान के अंग्रेज़ी अख़बार डॉन ने भी रिपोर्ट दी है कि प्रधानमंत्री की ओर से राष्ट्रपति को लिखे गए पत्र में कहा गया है, 'मैं पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गुलजार अहमद के नाम पर कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में विचार करने का प्रस्ताव करता हूं।'
इमरान की ओर से पूर्व मुख्य न्यायाधीश का नाम तब आया है जब राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी द्वारा प्रधानमंत्री और निवर्तमान नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ को इसको लेकर ख़त लिखा गया था। उन्होंने उस ख़त में कहा है कि दोनों नेता अनुच्छेद 224-ए (1) के तहत कार्यवाहक प्रीमियर के रूप में नियुक्ति के लिए उपयुक्त व्यक्तियों के नामों का प्रस्ताव भेजें।
3 اپریل کو قومی اسمبلی کے تحلیل کیے جانے کے پیش نظر صدر مملکت ڈاکٹر عارف علوی کا وزیر اعظم عمران خان اور قائد حزب اختلاف میاں محمد شہباز شریف کو نگراں وزیر اعظم کے لیے موزوں شخص کی تجویز کے لیے خط pic.twitter.com/XXSHNcRrC4
— The President of Pakistan (@PresOfPakistan) April 4, 2022
इस पत्र में कहा गया है कि रविवार को संविधान के अनुच्छेद 58 (1) के तहत नेशनल असेंबली और संघीय मंत्रिमंडल को भंग कर दिया गया था। राष्ट्रपति ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 224-ए (4) के तहत कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति होने तक इमरान प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे।
राष्ट्रपति अल्वी ने दोनों नेताओं से कहा कि यदि वे नेशनल असेंबली के विघटन के तीन दिनों के भीतर इस नियुक्ति पर सहमत नहीं होते हैं तो वे सदन के अध्यक्ष द्वारा गठित की जाने वाली एक समिति को दो-दो उम्मीदवारों के नाम भेजेंगे। उस समिति में निवर्तमान नेशनल एसेंबली के आठ सदस्य होंगे, या सीनेट या दोनों से और उसमें पक्ष व विपक्ष से समान प्रतिनिधि होंगे।
कौन हैं पूर्व मुख्य न्यायाधीश अहमद?
1957 में जन्मे न्यायमूर्ति अहमद ने दिसंबर 2019 से फरवरी 2022 में अपनी सेवानिवृत्ति तक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। वह पनामा पेपर्स मामले में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अयोग्य ठहराने वाली पांच जजों की बेंच का हिस्सा थे। उन्होंने अपने कड़े फ़ैसलों और सरकारों व नौकरशाहों के ख़िलाफ़ टिप्पणियों के कारण कई बार सुर्खियां बटोरीं।
न्यायमूर्ति अहमद ने अधिकारियों को उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान में एक भीड़ द्वारा तोड़े गए एक मंदिर के पुनर्निर्माण का भी आदेश दिया था और उन्हें हमलावरों से पुनर्निर्माण काम के लिए पैसे वसूलने का निर्देश दिया था। उन्होंने पिछले साल दिवाली उत्सव मनाने और हिंदू समुदाय के सदस्यों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए पुनर्निर्मित मंदिर में एक भव्य समारोह में भी भाग लिया था।
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