अमेरिका में हुए उलट-फेर पर भारत के सत्ता प्रतिष्ठान का पूरी तरह से सहज होना अभी बाक़ी है। किसान आंदोलन के हो-हल्ले में इस ओर ध्यान ही नहीं दिया गया कि बाइडन की उपलब्धि पर बीजेपी और संघ सहित राष्ट्रवादी संगठनों की तरफ़ से कोई उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया नहीं हुई है।