अमृतपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई का विरोध करने के लिए खालिस्तानी समर्थकों ने लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर तिरंगे को उतारने और खालिस्तानी झंडे को लगाने की कोशिश की। समय पर अधिकारियों ने पहुँचकर राष्ट्रीय ध्वज को बचा लिया, खालिस्तानी झंडे को वहाँ से फेंक दिया और फिर पहले से भी बड़ा तिरंगा झंडा फहराया गया।
लंदन के एल्डविच में इंडिया हाउस में अब लगे विशाल राष्ट्रीय ध्वज की तस्वीर वायरल हुई है। सोशल मीडिया यूज़रों ने उच्चायोग के इस कदम की सराहना की है।
Well done @HCI_London - The Tiranga, bigger than ever before is a befitting answer to the Khalistani thugs who vandalised the tricolor in London at the Indian High Commission in support of separatist #AmritpalSingh pic.twitter.com/ISlZu3K8Xj
— barkha dutt (@BDUTT) March 20, 2023
इससे पहले एक खालिस्तानी समर्थक द्वारा राष्ट्रीय ध्वज को नीचे खींचने का दृश्य सामने आने पर लोगों ने कड़ी प्रतिक्रियाएँ दी थीं। हालाँकि कई लोगों ने उच्चायोग के एक अधिकारी द्वारा की गई साहसिक कार्रवाई की प्रशंसा की, जो खालिस्तान के झंडे को फेंकते हुए दिखाई दे रहे हैं।
ब्रिटेन के विदेश राष्ट्रमंडल और विकास मामलों के राज्य मंत्री लॉर्ड तारिक अहमद ने भारतीय उच्चायोग पर हमले पर नाराज़गी जताई है। उन्होंने कहा, 'लंदन में भारतीय उच्चायोग पर आज के हमले से स्तब्ध हूं। यह मिशन और उसके कर्मचारियों की अखंडता के खिलाफ पूरी तरह से अस्वीकार्य कार्रवाई है। ब्रिटेन सरकार हमेशा भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा को गंभीरता से लेगी।'
Am appalled by today’s attack on the Indian High Commission in London. This is a completely unacceptable action against the integrity of the Mission and its staff. The UK Government will always take the security of the Indian High Commission seriously.
— Lord (Tariq)Ahmad of Wimbledon (@tariqahmadbt) March 19, 2023
लंदन में कुछ खालिस्तानी समर्थक तब प्रदर्शन करने पहुँचे थे जब भारत में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को गिरफ़्तार करने की कोशिश की जा रही है।
पंजाब पुलिस ने अमृतपाल द्वारा संचालित 'वारिस पंजाब दे' के कई लोगों को पकड़ा है। अमृतपाल के 7 साथियों के पास बड़े पैमाने पर कैश और हथियार बरामद किए गए हैं। सरकार ने इंटरनेट पर बैन कल सोमवार 21 मार्च तक बढ़ा दिया है।
पंजाब में यह कार्रवाई अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों द्वारा अपने एक सहयोगी की रिहाई के लिए तलवारें और बंदूकें लेकर अजनाला पुलिस थाने में घुसने के एक महीने बाद हुई है। इस झड़प में छह पुलिस अधिकारी घायल हो गए। इस घटना के बाद पंजाब सरकार को राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति के लिए भारी आलोचना का सामना करना पड़ा था।
अमृतपाल सिंह को अक्सर सशस्त्र समर्थकों के घेरे में देखा जा सकता है। वो खुले तौर पर भारत से अलगाव की घोषणा करने और खालिस्तान बनाने के बारे में बयान देता रहता है। अधिकारियों ने कहा कि अमृतपाल सिंह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और विदेशों में स्थित आतंकवादी समूहों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए हुए है।
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