भारत के चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ ने आज सोमवार 20 मार्च को वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अदालतों में सील बंद लिफाफे के जरिए जवाब देने का इस्तेमाल बंद किया जाए। सीजेआई ने पेंशन भुगतान पर रक्षा मंत्रालय के फैसले पर अटॉर्नी जनरल द्वारा पेश मुहरबंद लिफाफे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस ने कहा कि इसमें जो लिखा है, उसे पढ़कर सुनाइए या फिर इसे वापस लीजिए। अंत में सुप्रीम कोर्ट ने ओआरओपी पर अपना फैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार को आदेश दिया कि 28 फरवरी 2024 तक पूर्व सैनिकों को ओआरओपी का सारा बकाया भुगतान दिया जाए।