अमरीकी नागरिक जॉन एलन चाउ अंडमान निकोबार द्वीप समूह के टापू उत्तर सेंटीनल में रहने वाले आदिवासियों के लिए प्रभु ईसा का संदेश लेकर  गए थे। वहां तीर मार उनकी हत्या कर दी गई और लाश को दफ़ना दिया गया। उनकी हत्या वहां रहने वाली मूल जनजाति के लोगों ने कथित तौर पर कर दी। यह जनजाति संरक्षित है। बाहर के लोगों के लिए इन लोगों से मिलना-जुलना या वहां जाना मना है। 

चाउ ने अपने माता-पिता के लिए जो चिट्ठी लिखी और इंस्टाग्राम पर जो कुछ पोस्ट किया, उससे इस बात की पुष्टि होतोी है कि वे धर्म परिवर्तन कराने के लिए वहां गए थे। उनका मानना था कि उस टापू पर बहुत अधिक मौते होती हैं। उन्हें वहां ईसा मसीह का संदेश लेकर जाना चाहिए और उन आदिवासियों को ईसा के बारे में बताना चाहिए क्योंकि ईसा उन्हें प्यार करते हैं। 

चाउ को स्थानीय मछुआरों ने उत्तरी सेंटीनल पंहुचा दिया। उन्होंने वह किनारे के थोड़ा पहले पानी में ही छोड़ दिया और वहां से एक छोटी नौका से खुद आगे बढ़े।