पाकिस्तानी खुफ़िया एजेन्सी इंटर सर्विस इंटेलीजेंस (आईएसआई) प्रमुख की काबुल यात्रा से कई अहम सवाल खड़े होते हैं।
अफ़ग़ानिस्तान : कठपुतली सरकार बनाने की पाक की कोशिशों का विरोध, मारपीट
- दुनिया
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- 6 Sep, 2021

तालिबान के सिराजुद्दीन हक्क़ानी गुट ने मुल्ला बरादर और हिबतुल्लाह अखुंदज़ादा को नेता मानने से इनकार कर दिया है। इस पर मारपीट तक की नौबत आ गई और बीचबचाव के लिए आईएसआई प्रमुख को जाना पड़ा।
अमूमन खु़फ़िया प्रमुखों की यात्रा अत्यंत गोपनीय होती है, पर इस यात्रा में आईएसआई प्रमुख फ़ईज़ हमीद न सिर्फ खुले आम सबसे मिल रहे थे, बल्कि उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान में पाकिस्तान राजदूत के यहाँ चाय पी, तसवीरें खिंचवाई और कुछ पत्रकारों से अनौपचारिक बात भी की।
यह अहम दौरा सार्वजनिक तौर पर इसलिए हुआ कि इसके एक दिन पहले ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने खुले आम कहा था कि उनका देश अफ़ग़ानिस्तान में समावेशी सरकार बनाने में तालिबान की मदद करेगा।
इसे तालिबान के नेता और काबुल की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी संभाल रहे खलील हक्क़ानी के बयान से समझा जा सकता है।