loader

अगर पाकिस्तान हारने लगा तो भारत के साथ हो सकता है परमाणु युद्ध : इमरान

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। भारत सरकार के फ़ैसले के बाद आनन-फ़ानन में उसने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कम करने का फ़ैसला किया और पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त को वापस भेज दिया। उसने यह भी धमकी दी कि भारत के साथ अतीत में हुए द्विपक्षीय क़रारों की भी समीक्षा करेगा और वह मामले को संयुक्त राष्ट्र में ले गया। लेकिन वहाँ से भी उसे कोई सफलता नहीं मिली। 

पाकिस्तान ने भारत की आज़ादी के दिन पंद्रह अगस्त को काले दिवस के तौर पर भी मनाया। इस सबके बाद पाकिस्तान परमाणु युद्ध की धमकी देने लगा। एक बार फिर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने परमाणु युद्ध की गीदड़ भभकी दी है। 
ताज़ा ख़बरें

अंग्रेजी अख़बार 'द इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक़, टीवी चैनल अल-ज़ज़ीरा के साथ इंटरव्यू में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा कि इस बात की पूरी संभावना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर को लेकर चल रही लड़ाई परमाणु युद्ध पर आकर ख़त्म हो सकती है। इमरान ने कहा कि इस युद्ध से होने वाली तबाही भारतीय उप महाद्वीप से आगे जाएगी। 

अख़बार के मुताबिक़, इमरान ने इंटरव्यू में कहा कि कोई परमाणु संपन्न देश जब अंतिम समय तक लड़ता है तो उसके गंभीर परिणाम होते हैं। ख़ान ने इंटरव्यू के दौरान कहा, ‘अगर मैं पाकिस्तान के बारे में कहूँ, ईश्वर न करे, अगर पाकिस्तान युद्ध में हार रहा हो और अगर एक देश दो रास्तों के बीच फंस गया हो कि या तो आप आत्मसमर्पण करें या अपनी आज़ादी के लिए आखिरी सांस तक लड़ें, मुझे पता है कि पाकिस्तान अपनी आज़ादी के लिए अंतिम सांस तक लड़ेगा।’

दुनिया से और ख़बरें

अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद पाकिस्तान के लोगों को संबोधित करते हुए इमरान ने कहा था कि पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे पर किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है और वह कश्मीर के लिए न्यूक्लियर पॉवर का इस्तेमाल करने से भी पीछे नहीं हटेगा। पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख़ राशिद ने भी हाल ही में कहा था कि दोनों देशों के बीच अक्टूबर के आख़िर में या नवंबर-दिसंबर में युद्ध हो सकता है। 

हालाँकि बाद में परमाणु युद्ध को लेकर इमरान ख़ान को अपना बयान बदलना पड़ा था। इंटरव्यू में इमरान ख़ान ने परमाणु युद्ध वाले बयान से फिर एक बार पलटते हुए कहा, ‘पाकिस्तान कभी भी भारत के साथ युद्ध शुरू नहीं करेगा। मैं इस बारे में पूरी तरह स्पष्ट हूँ। मैं शांति को मानने वाला हूँ। मैं युद्ध का विरोधी हूँ। मैं इस बात पर भरोसा करता हूँ कि युद्ध से किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता।’ 
बता दें कि कश्मीर के मुद्दे पर अब तक पाकिस्तान की हर कोशिश नाकाम रही है। संयुक्त राष्ट्र समेत दुनिया के कई देशों ने उससे कहा है कि वह भारत के साथ बातचीत के जरिए कश्मीर मुद्दे का हल ढूंढे।

अंग्रेजी अख़बार के मुताबिक़, ख़ान ने इंटरव्यू में कहा, ‘जब दो परमाणु शक्ति संपन्न देश लड़ते हैं और वे पारंपरिक ढंग से युद्ध लड़ रहे हैं तो इस बात की पूरी संभावना होती है कि यह युद्ध परमाणु युद्ध पर ख़त्म हो। ख़ान ने कहा, ‘इसलिए हमने संयुक्त राष्ट्र का दरवाजा खटखटाया, हम हर अंतरराष्ट्रीय फ़ोरम पर अपनी बात रख रहे हैं क्योंकि यह संभावित आपदा भारतीय उप महाद्वीप से आगे जाएगी।’ 

'द इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक़, ख़ान ने कहा, ‘हमें पता चला कि जब हम भारत के साथ बातचीत की कोशिश कर रहे थे, वे हमें फ़ाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स (एफ़एटीएफ़) की ब्लैक लिस्ट में धकेलने में जुटे थे, क्योंकि अगर पाकिस्तान एफ़एटीएफ़ की ब्लैक लिस्ट में आ जाता है तो पाकिस्तान पर कई प्रतिबंध लग जायेंगे। इसलिए वे हमें आर्थिक रूप से दिवालिया करने की कोशिश कर रहे थे। इसलिए हमने हाथ खींच लिये।’ 

भारत से नहीं करेंगे बातचीत 

क्रिकेटर से राजनेता बने ख़ान ने कहा कि भारत के अपने संविधान से अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद भारत सरकार से बात करने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता क्योंकि उसने कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के ख़िलाफ़ अवैध कब्जा कर लिया है। पाक प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट का प्रस्ताव कश्मीर के लोगों को इस बात की गारंटी देता है कि वे अपने जनमत संग्रह कराने और अपने भाग्य का फ़ैसला करने में सक्षम होंगे। 

संबंधित ख़बरें

पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को दुनिया भर के देशों में ले गया लेकिन उसे लगभग सभी जगह से निराशा मिली है। इस सबसे हताश होकर वह कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने की बड़ी साज़िश रच सकता है। उसके मंत्री तक यह स्वीकार कर चुके हैं कि उनकी सरकार आतंकवादी संगठन जमात-उद दावा पर लाखों रुपये खर्च कर चुकी है। इसलिए भारत बार-बार कहता रहा है कि पाकिस्तान को अगर बातचीत करनी है तो उसे आतंकवाद को पनाह देनी ख़त्म करनी होगी। लेकिन पाकिस्तान इससे बाज़ नहीं आता और जबकि भारत सरकार स्पष्ट कह चुकी है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाना पूरी तरह भारत का आतंरिक मामला है फिर भी वह कोरी बयानबाज़ी और परमाणु युद्ध की धमकियाँ देता रहता है, यह जानते हुए भी कि वह सैन्य ताक़त में भारत के सामने कहीं नहीं ठहरता। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दुनिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें