अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को पद से हटाने के लिए महाभियोग का प्रस्ताव सेनेट यानी संसद के ऊपरी सदन को भेज दिया गया है। सदन के निचले सदन यानी हाउस ऑफ़ रीप्रेजेन्टेटिव्स ने महाभियोग से जुड़े दो आर्टिकल सेनेट को बुधवार को भेज दिए हैं। इन प्रस्तावों पर अब बहस होगी, मतदान होगा और यदि वह प्रस्ताव बहुमत से पारित हो गया तो ट्रंप को पद से हटा दिया जाएगा।
अमेरिकी इतिहास में यह तीसरा मौका है जब राष्ट्रपति को हटाने का महाभियोग सेनेट को भेजा गया हो।
क्या हैं आरोप?
ट्रंप पर अपने पद के दुरुपयोग का आरोप है। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का इस्तेमाल करते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति से अगले राष्ट्रपति चुनाव में उनके ख़िलाफ़ चुनाव लड़ने वाले संभावित उम्मीदवारों में से एक के बेटे के कारोबार के बारे में जानकारियाँ माँगी थी, जिसका इस्तेमाल वह अपने चुनाव प्रचार के दौरान कर सकते थे। एक दूसरे प्रस्ताव में यह आरोप लगाया गया था कि राष्ट्रपति ने इस मामले की संसदीय जाँच में अड़चन डाली और उसे प्रभावित करने की कोशिश की। यह भी ग़ैरक़ानूनी है और अमेरिकी नियमों के मुताबिक़ अपराध है। अमेरिकी संविधान के मुताबिक़ ये दोनों ही ऐसे अपराध हैं, जिन पर राष्ट्रपति को पद से हटाया जा सकता है।
याद दिला दें कि ट्रंप के ख़िलाफ़ महाभियोग प्रस्ताव लाने की मुहिम उसी समय शुरू हुई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टेक्सस में हाउडी मोदी कार्यक्रम के दौरान भारतीय मूल के लोगों से अपील की थी कि वे अगले चुनाव में ट्रंप को वोट करें। उन्होंने मंच से ही नारा लगाया था, ‘अबकी बार, ट्रंप सरकार।’
यह हज़ारों लोगों की मौजूदगी में हुआ था, जिसे करोड़ो लोगों ने लाइव प्रसारण में देखा था। मोदी के इस नारे के कुछ घंटों के अंदर ही महाभियोग प्रस्ताव हाउस ऑफ़ रीप्रेजेन्टेटिव में रखा गया था। अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में भारत की काफ़ी आलोचना हुई थी। भारत के विदेश मंत्री को इस पर सफ़ाई देनी पड़ी थी।
पर्यवेक्षकों का कहना है कि इसके बावजूद अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि ट्रंप को पद से हाथ धोना होगा। सेनेट में प्रस्ताव के पारित होने के बाद ही उन्हें पद से हटाया जा सकता है। लेकिन उस सदन में ट्रंप की पार्टी रीपब्लिकन्स का बहुमत है। लेकिन इसमें पेच यह है कि यह बहुत ही बारीक बहुमत है, दूसरी ओर पार्टी के कई लोग इस मुद्दे पर ट्रंप के ख़िलाफ़ हैं। यदि उन्होंने प्रस्ताव के पक्ष में वोट कर दिया तो ट्रंप को पद से हटना पड़ सकता है।
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