अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ़ ने पाकिस्तान की उस संशोधित ऋण प्रबंधन योजना के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, जो उसने आईएमएफ़ से ऋण लेने के लिए पेश किया था। उसने कहा है कि पाकिस्तान अब फिर से संशोधित ऋण प्रबंधन योजना को पेश करे। आईएमएफ़ को मुख्य तौर पर आपत्ति बिजली पर दी जाने वाली भारी-भरकम सब्सिडी को लेकर है। इसने बिजली के टैरिफ़ को भी बढ़ाने को कहा है। आईएमएफ़ की ये शर्तें इसलिए आई हैं क्योंकि पाकिस्तान अपने नागरिकों को बिजली सब्सिडी देने के लिए 335 बिलियन पाकिस्तानी रुपए का घाटा झेलता है।
आईएमएफ़ ने पाक की ऋण प्रबंधन योजना को खारिज क्यों किया?
- दुनिया
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- 2 Feb, 2023
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ से ऋण लेने की पाकिस्तान की कोशिशों को झटका लगा है। जाानिए आईएमएफ़ ने क्या कहा है।

इसी वजह से आईएमएफ ने पाकिस्तान के संशोधित परिपत्र ऋण प्रबंधन योजना यानी सीडीएमपी को खारिज कर दिया है। इसने पाकिस्तान सरकार से चालू वित्त वर्ष के लिए 335 बिलियन पाकिस्तानी रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी को नियंत्रित करने के लिए 11-12.50 रुपये प्रति यूनिट की सीमा में बिजली शुल्क बढ़ाने का आह्वान किया है।