हिजबुल्लाह और ईरान ने शनिवार शाम को पुष्टि की कि 32 वर्षों तक हिजबुल्लाह का नेतृत्व करने वाले हसन नसरल्लाह शुक्रवार के हमले में मारे गए थे। समूह को अपने 42 साल पुराने इतिहास में सबसे बड़ा झटका झेलने के बाद अब एक नया नेता चुनने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। सफ़ीद्दीन नसरल्लाह को यह कमान मिलने की संभावना जताई जा रही है। हाशेम उनके चचेरे भाई हैं और उनकी तरह एक शिया मौलवी भी हैं जो पैगंबर मोहम्मद साहब के वंशज अहले बैत से संबंध बताने वाली काली पगड़ी पहनते हैं।
कार्यकारी परिषद के प्रमुख के रूप में, हाशेम सफ़ीद्दीन हिज़्बुल्लाह के राजनीतिक मामलों का विभाग संभालते हैं। वह जिहाद परिषद में भी बैठते हैं, जो समूह के सैन्य अभियानों का प्रबंधन करता है। अमेरिकी विदेश विभाग ने 2017 में हाशेम को जायोनिस्ट लॉबी के दबाव में आतंकवादी घोषित किया था। जून में एक हिजबुल्लाह कमांडर की हत्या के बाद हाशेम ने इज़राइल को हमले की धमकी दी थी। उन्होंने अंतिम संस्कार में कहा था, "(दुश्मन को) रोने और विलाप करने के लिए खुद को तैयार करने दीजिए।"
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सफ़ीद्दीन के सार्वजनिक बयान अक्सर हिजबुल्लाह के तीखे रुख और फ़िलिस्तीनी मुद्दे के साथ उनके जुड़ाव को दर्शाते हैं।
बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में हिजबुल्लाह के गढ़ दहियाह में एक हालिया कार्यक्रम में उन्होंने फिलिस्तीनी लड़ाकों के साथ एकजुटता दिखाते हुए घोषणा की, "हमारा इतिहास, हमारी बंदूकें और हमारे रॉकेट आपके साथ हैं।"
हसन नसरल्लाह की जिन्दगी को हर समय खतरा रहता था तो उन्होंने अपने जीवनकाल में ही हाशेम सफीद्दीन को बढ़ावा देना शुरू कर दिया था, ताकि उन्हें उनका उत्तराधिकारी बनाया जा सके। उन्होंने उन्हें बाहर जाने और बोलने के लिए कहा। हाशेम सफ़ीद्दीन के पारिवारिक संबंध और नसरल्लाह से समानता, साथ ही मोहम्मद के वंशज के रूप में उनकी धार्मिक स्थिति, सभी उनके पक्ष में गिने जाने वाले प्वाइंट हैं।
वह अमेरिकी नीति की आलोचना में भी मुखर रहे हैं। हिजबुल्लाह पर अमेरिकी दबाव के जवाब में, उन्होंने 2017 में कहा था, "ट्रम्प के नेतृत्व वाला यह मानसिक रूप से बाधित, पागल अमेरिकी प्रशासन प्रतिरोध को नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा।" उन्होंने कहा था कि इस तरह की कार्रवाइयां केवल हिजबुल्लाह के संकल्प को मजबूत करेंगी।
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