कोरोना वायरस से खौफ के इस माहौल में एक अच्छी ख़बर है। जो कोरोना वायरस अब तक लाइलाज है उसका जल्द ही इलाज संभव होने की उम्मीद है। दावा किया गया है कि वायरस होने के बाद की दवाइयों पर तो काम चल ही रहा है, इसके साथ ही वायरस लगने से पहले लगाए जाने वाले इस टीके का मानव पर ट्रायल शुरू हो गया है। अमेरिकी अधिकारियों ने यह दावा किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने इस प्रयास की प्रशंसा की है।
ट्रंप ने कहा है कि मैं ख़ुश हूँ कि टीके के क्लिनिकल ट्रायल का पहला फ़ेज शुरू किया जा चुका है। उन्होंने कहा, 'यह इतिहास में सबसे कम समय में तैयार हुई वैक्सीन है। हम एंटी वायरल थेरेपी और अन्य तरीकों पर भी काम कर रहे हैं। हमारे पास कुछ आशाजनक शुरुआती परिणाम हैं।' बता दें कि अमेरिका में इस वायरस से अब तक 4700 से ज़्यादा पॉजिटिव केस आ चुके हैं और 93 लोगों की मौत हो चुकी है। पूरी दुनिया में 183 हज़ार से ज़्यादा लोगों में इस वायरस की पुष्टि हो चुकी है और 7 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौतें हो गई हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे वैश्विक महामारी घोषित किया है। यह वायरस बहुत तेज़ी से लोगों को संक्रमित कर रहा है।
ऐसे ही खौफ के बीच अमेरिका के शहर सिएटल में अधिकारियों ने सोमवार को दावा किया कि कोरोना वायरस के टीके का परीक्षण शुरू किया जा चुका है। हालाँकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लोगों के लिए यह टीका एक से डेढ़ साल में ही उपलब्ध हो पाएगा। अमेरिकी नेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ़ हेल्थ यानी एनआईएच ने इस टीके को बायोटेक्नोलॉजी कंपनी मॉडर्ना के साथ मिलकर तैयार किया है। वैक्सीन का नाम आरएनए-1273 दिया गया है। एनआईएच ने कहा है कि ट्रायल 18 से 55 साल के 45 लोगों पर छह हफ़्ते तक किया जाएगा।
दुनिया भर की लैबों में कोरोना वायरस के इलाज के लिए दवा और टीका तैयार करने का काम तेज़ी से चल रहा है। लेकिन अभी तक इसमें सफलता नहीं मिली है। यानी फ़िलहाल इसका इलाज नहीं ढूँढा जा सका है। इसीलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन इससे बचाव के लिए सावधानियाँ बरतने पर जोर दे रहा है। जो लोग इस वायरस से पीड़ित हो रहे हैं उनका सामान्य फ्लू की तरह ही इलाज किया जा रहा है।
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