loader

प्रिंसेज़ डायना के इंटरव्यू पर बीबीसी के पूर्व निदेशक ने माँगी माफ़ी

ब्रिटेन की दिवंगत प्रिंसेज़ डायना के विस्फोटक इंटरव्यू पर बीबीसी के पूर्व निदेशक टोनी हॉल ने  माफ़ी माँगी है और अपने मौजूदा पद नेशनल गैलरी के अध्यक्ष से इस्तीफ़ा दे दिया है। 

इस बेहद विवादित इंटरव्यू में डायना ने अपने पति व ब्रिटेन के राजकुमार चार्ल्स के विवाहेतर संबंध की बात कही थी और अंत में अपने विवाहेतर रिश्ते की बात भी मान ली थी। इस पर ब्रिटेन राजघराने में तूफान मचा था और महारानी एलिज़ाबेथ ने प्रिंस चार्ल्स व प्रिंसेज़ डायना से तलाक़ ले लेने कहा था। 

लेकिन बाद में यह पाया गया था कि इंटरव्यू लेने वाले बीबीसी पत्रकार मार्टिन बशीर ने डायना के भाई अर्ल स्पेंसर को ग़लत व फ़र्जी दस्तावेज़ दिखा कर इस इंटरव्यू के लिए डायना को राजी कराया था। 

जिस समय इस पूरे मामले की जाँच हुई थी, बीबीसी के एथिक्स समिति के प्रमुख टोनी हॉल थे, जो बाद में बीबीसी के समाचार निदेशक बने। 

ख़ास ख़बरें

क्या है मामला?

इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं। 

प्रिंसेज डायना अपनी मुक्त जीवनशैली, ड्रेसेज़ और ब्रिटिश राजघराने के प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के लिए ख़बरों में रहती थीं और पूरा ब्रिटिश टैबलॉयड प्रेस उनके पीछे पड़ा रहता था। पति से उनके रिश्ते खराब हो चुके थे और रानी एलिजाबेथ उनसे नाराज़ रहती थीं। 

मार्टिन बशीर उस समय बीबीसी के जूनियर रिपोर्टर थे और उन्हें कोई जानता नहीं था। उन्होंने डायना के भाई अर्ल स्पेंसर से नज़दीकी बनाई, उन्हें फर्जी बैंक स्टेटमेंट दिखा कर यह समझाया कि ब्रिटिश राजमहल की सुरक्षा से जुड़े लोग डायना की  जासूसी कर रहे हैं और उसके लिए किसी को पैसे दे रहे हैं। 

डायना-चार्ल्स के विवाहेतर संबंध!

उन्होंने उसके बाद डायना का लंबा इंटरव्यू किया। इस इंटरव्यू में डायना ने खुले आम कहा कि राजकुमार चार्ल्स का एक शादी शुदा महिला कमीला पार्कस बोल्स से विवाहेतर संबंध है। उन्होंने कहा था, 'इस विवाह में हम तीन लोग हैं, इसलिए वहाँ थोड़ी भीड़भाड़ हो गई है।'

इंटरव्यू के अंत तक एक सवाल से जवाब में डायना ने अपने विवाहेतर संबंध की बात भी मान ली। समझा जाता है कि मिस्र मूल के ब्रिटिश व हैरॉड्स के मालिक डोडी अल फ़याद से उनका विवाहेतर रिश्ता था।

 इसके अलावा पाकिस्तानी डॉक्टर हसनत अहमद ख़ान से भी उनके रिश्तों की बात उड़ी थी। 

यह इंटरव्यू बीबीसी ने पैनोरामा कार्यक्रम में नवंबर 1995 में दिखाया था। इसके दो साल बाद नवंबर 1997 में डायना की मौत रहस्यमय स्थितियों में कार हादसे में हो गई। 

मार्टिन बशीर पर उठे थे सवाल

मार्टिन बशीर ने जिस तरीके से इंटरव्यू हासिल किया था, उस पर सवाल उठे थे, उसे बीबीसी के तौर तरीकों का उल्लंघन माना गया था। इसकी जाँच हुई। उस समय बीबीसी के एथिक्स समिति के प्रमुख टोनी हॉल थे। 

उस जाँच में तो बशीर को दोषमुक्त कर दिया गया। लेकिन बाद में जाँच समिति के प्रमुख जॉन डायसन ने कहा था कि मार्टिन बशीर के बैंक खातों की जाँच की जानी चाहिए थी, उनके फ़र्जी खातों की बात पकड़ में आ जाती और शायद उन्हें यह इंटरव्यू नहीं मिलता।

इस इंटरव्यू के बाद मार्टिन बशीर हीरो बन गए, पत्रकारिता में छा गए, डायना का वह इंटरव्यू 2.28 करोड़ लोगों ने देखा था। वे अमेरिका चले गए और उन्होंने वहाँ माइकल जैक्शन जैसी शख्सियतों का भी इंटरव्यू किया।

ex-bbc head apologises for princess diana interview - Satya Hindi
प्रिंसेज़ डायना का इंटरव्यू करते हुए मार्टिन बशीर

बशीर ने माँगी माफ़ी

लेकिन ब्रिटेन में इस पर चर्चा होती रही। डायना के छोटे बेटे हैरी ने कहा था कि इस इंटरव्यू के बाद जो घटनाचक्र घूमा उस कारण उनकी माँ मारी गईं। 

मार्टिन बशीर ने डायना को दोनों बेटों प्रिंस विलियम और हैरी से माफ़ी माँगी है, लेकिन खुद को बेकसूर बताया है। 

उन्होंने कहा कि वे कभी भी डायना का अहित नहीं चाहते थे और उन्होंने उनका अहित कभी किया भी नही। बशीर ने कहा कि वह डायना की मौत से दुखी हैं, लेकिन इसके लिए खुद को ज़िम्मेदार नहीं मानते। 

मार्टिन बशीर ने कहा है कि जो स्थितियां पैदा हो गईं और डायना की जिंदगी में जो कुछ हो रहा था, उसके लिए वे कतई ज़िम्मेदार नहीं हैं।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दुनिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें