सोशल मीडिया पर ईरान के राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी, विदेश मंत्री हुसैन आमिर, तबरिज शहर के इमाम-ए-जुमा मौलाना हाशमी समेत सभी लोगों के मारे जाने की खबर सोमवार से टॉप ट्रेंड में है। लेकिन इसी के साथ मोसाद भी टॉप ट्रेंड में है। दुनिया के कोने-कोने से लोग लिख रहे हैं कि इस घटना के पीछे मोसाद है। यह मोसाद की हरकत है। भारत में मंगलवार 21 मई को राष्ट्रीय शोक मनाया जा रहा है। राष्ट्रीय झंडे को आधा झुका दिया गया है। पाकिस्तान में भी राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है। वहां के पीएम और अन्य मंत्री 23 मई को रईसी के नमाज-ए-जनाज़ा में शामिल हो सकते हैं। भारत-पाकिस्तान में मुसलमानों ने शोक मनाते हुए तमाम शहरों में प्रदर्शन किए। इमामबाड़ों में शोक में मजलिसें हो रही हैं। इजराइल और अमेरिका के खिलाफ नारे लगाए गए। हर की जुबान पर मोसाद का नाम है।
सोशल मीडिया में टॉप ट्रेंड और एशियाई देशों में इस मुद्दे पर मुसलमानों के गुस्से के मद्देनजर इजराइल को बयान देना पड़ा। एक इज़राइली अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया है कि हम ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम राइसी की मौत के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। रॉयटर्स ने अनाम अधिकारी के हवाले से कहा, "यह हम नहीं थे।" रॉयटर्स ने कहा कि यह टिप्पणी साजिश की उन अटकलों के बीच आई है, जिसमें इजराइली जासूसी एजेंसी मोसाद को इस घटना से जोड़ा गया है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन भी इस हादसे की वाजिब वजह जानना चाहते हैं। उन्होंने सोमवार को ईरान के अंतरिम राष्ट्रपति मोखबर को फोन भी किया।+
हेलिकॉप्टर पर क्या लेजर बीम से हमला हुआइजराइल को लेकर अटकलें यूं ही नहीं हैं। इज़राइल ईराना का पुराना दुश्मन है, इसलिए सबसे पहले शक के दायरे में वही आया। लोगों का सबसे बड़ा सवाल यही है कि तीन हेलिकॉप्टर ईरान-अजरबैजान सीमा पर जाने के लिए उड़े। दो हेलिकॉप्टर आराम से निकल गए लेकिन जिस हेलिकॉप्टर में रईसी थे, वही खराब मौसम की वजह से हादसे का शिकार क्यों हुआ। जबकि उसमें एक पुराना हेलीकॉप्टर भी था। कहा जा रहा है कि मोसाद ने रईसी के हेलिकॉप्टर को लेजर बीम से निशाना बनाया। यहूदी वैज्ञानिक बेंजामिन रुबिनस्टीन ने एक्स पर लिखा है। यह बता दें कि बेंजामिन रुबिनस्टीन खुद को जायोनी और साम्राज्यवाद विरोधी कहते हैं। बेंजामिन ने कहा-
“
हम ज़ायोनी तोड़फोड़ से इंकार नहीं कर सकते, पूरी जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी।
-बेंजामिन रुबिनस्टीन, वैज्ञानिक, 20 मई 2024 सोर्सः एक्स (ट्विटर)
हालांकि लेजर बीम के बारे में सबसे पहले ईरान के टीवी चैनल पर वहां के वॉर एक्सपर्ट ने सबसे पहले हादसे में गड़बड़ी का संकेत दिया। उसके बाद मोसाद का नाम लेकर लोगों ने एक्स पर लिखना शुरू कर दिया। शिक्षक और विशेषज्ञ फव्वाद इजादी ने ईरानी टीवी पर कहा, "जब एक हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो जाता है, तो तकनीकी समस्या या मौसम की खराब हालत बताई जाती है - लेकिन अन्य वजहें भी हो सकती हैं।"
फव्वाद इजादी ने इज़राइल और उसकी खुफिया एजेंसी मोसाद की संभावित भागीदारी का संकेत देते हुए कहा, "अज़रबैजान गणराज्य से ईरान के कुछ मुद्दे हैं। अजरबैजान के उस क्षेत्र में ज़ायोनीवादी और मोसाद बहुत सक्रिय है। इसकी जांच की जाएगी। हम अपने पड़ोसियों के प्रति सम्मान रखते हैं। लेकिन हमें उनके क्षेत्रों से निशाना नहीं बनना चाहिए।" यानी ईरान के वॉर एक्सपर्ट यह कहना चाहते हैं कि अजरबैजान के उस इलाके से हेलिकॉप्टर को निशाना बनाया गया, जहां मोसाद सक्रिय है।
ईरान अधिकृत रूप से अभी तक चुप है। उसने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया है, जिससे पता चलता हो कि उसने इजराइल या मोसाद पर दोषारोपण किया हो। ईरानी मीडिया ने "भारी कोहरे और बारिश" की बात कही थी, जिसकी वजह से हेलीकॉप्टर की हार्ड-लैंडिंग हुई या वो घने कोहरे में फंस कर नीचे गिर गया।
ईरान की इजराइल और अमेरिका से लंबी अनबन चल रही है। ईरान यूरेनियम संवर्धन में काफी आगे निकल चुका है। इजराइल और अमेरिका जो खुद परमाणु बम और हथियारों से लैस हैं, उन्हें ईरान समेत तमाम देशों के परमाणु सम्पन्न होने पर ऐतराज है। इजराइल और अमेरिका खुलकर ईरान को परमाणु शक्ति बनने का विरोध कर रहे हैं, उनका कहना है कि अगर ईरान परमाणु सम्पन्न हुआ तो वो इजराइल और अमेरिका के लिए खतरा होगा। हालांकि अमेरिका के हाथ हिरोशिमा नागासाकी पर बम गिराने की घटना से रंगे हुए हैं। आज भी जापान का हिरोशिमा नागासकी उस बम के प्रभाव से मुक्त नहीं हो पाया है।
ईरानी परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह, जो ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर काम कर रहे थे, की 2020 में तेहरान के पास हत्या कर दी गई थी। फखरीजादेह को रिमोट-नियंत्रित हथियार से मारा गया था। इसके बाद ईरान ने फौरन इजराइल पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था। इस हमले की इजराइल ने न तो पुष्टि की और न ही खंडन किया। ईरानी वैज्ञानिक की हत्या की वजह से ही यह सवाल रईसी के मामले में भी उठा कि इजराइल के पास रिमोट संचालित कोई सिस्टम है, जिसके जरिए वो अपने टारगेट का सटीक निशाना बनाता है।
ईरान के पूर्व विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने रईसी को ले जा रहे हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के लिए ईरान पर अमेरिकी पाबंदियों को जिम्मेदार ठहराया। ईरान अभी भी पुराने अमेरिकी हेलिकाप्टरों पर निर्भर है।
ज़रीफ़ ने ईरानी टीवी पर सोमवार को कहा- "कल (रविवार) की त्रासदी के पीछे दोषियों में से एक यूएसए है, क्योंकि उसके प्रतिबंधों के कारण ईरान को उसके विमानों के लिए आवश्यक कलपुर्जे (विमान उपकरण) खरीदने से रोक दिया गया है।"
बहरहाल, भारत समेत तमाम देशों के एक्स यूजर ने लेजर बीम या डीईडब्ल्यू (Direct Energy Weapons) का इस्तेमाल करके रईसी के हेलिकॉप्टर को गिराने का आरोप लगाया गया है। लेकिन किसी ने उसका सबूत नहीं दिया। अधिकांश लोग महज इस आधार पर लिख रहे हैं कि इजराइल और ईरान की पुरानी दुश्मनी है। लेकिन बिना सबूत इन आरोपों की पुष्टि नहीं की जा सकती।
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