सोशल मीडिया पर ईरान के राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी, विदेश मंत्री हुसैन आमिर, तबरिज शहर के इमाम-ए-जुमा मौलाना हाशमी समेत सभी लोगों के मारे जाने की खबर सोमवार से टॉप ट्रेंड में है। लेकिन इसी के साथ मोसाद भी टॉप ट्रेंड में है। दुनिया के कोने-कोने से लोग लिख रहे हैं कि इस घटना के पीछे मोसाद है। यह मोसाद की हरकत है। भारत में मंगलवार 21 मई को राष्ट्रीय शोक मनाया जा रहा है। राष्ट्रीय झंडे को आधा झुका दिया गया है। पाकिस्तान में भी राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है। वहां के पीएम और अन्य मंत्री 23 मई को रईसी के नमाज-ए-जनाज़ा में शामिल हो सकते हैं। भारत-पाकिस्तान में मुसलमानों ने शोक मनाते हुए तमाम शहरों में प्रदर्शन किए। इमामबाड़ों में शोक में मजलिसें हो रही हैं। इजराइल और अमेरिका के खिलाफ नारे लगाए गए। हर की जुबान पर मोसाद का नाम है।
इब्राहीम रईसी की 'शहादत': मोसाद पर शक क्यों, इज़राइल का खंडन, ईरान चुप
- दुनिया
- |
- 29 Mar, 2025
ईरान ने हेलिकॉप्टर हादसे में मारे गए राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी, विदेश मंत्री हुसैन आमिर सहित सभी को शहीद का दर्जा दिया है। शहीद उसी को कहा जाता है जो किसी मोर्चे पर बलिदान देता है। सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर अटकलें हैं कि इस घटना के पीछे इज़राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद है, जो ऐसे ऑपरेशन्स के लिए कुख्यात है। इस पर इजराइल को बयान देना पड़ा कि उसका हाथ नहीं है। ईरान का सरकारी मीडिया भी इस मुद्दे पर चुप है। भारत-पाकिस्तान समेत तमाम देशों में शोक मनाया जा रहा है और मुसलमान प्रदर्शन कर रहे हैं।
