रूस के द्वारा लुहान्स्क और दोनेत्स्क को आजाद देश की मान्यता देने के बाद दुनिया भर में इस बात की आशंका है तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो सकता है। अमेरिका और यूरोपीय देश पहले ही रूस को चेता चुके हैं कि अगर उसने यूक्रेन पर कोई हमला किया तो इसके बेहद गंभीर नतीजे होंगे। पुतिन के द्वारा पूर्वी यूक्रेन के लुहान्स्क और दोनेत्स्क इलाकों में अपनी सेनाएं भेजने और इन्हें आजाद देश की मान्यता देने के बाद जर्मनी फ्रांस और अमेरिका ने कड़ा पलटवार किया है।
अमेरिका ने तो इन इलाकों के साथ व्यापार और निवेश करने पर रोक लगा दी है। लेकिन यहां यह जानना बेहद अहम है कि इन इलाकों को लेकर आखिर विवाद क्या है।।
इन इलाकों में रहने वाले लोग रूस के समर्थक हैं। इन्हें यूक्रेन में अलगाववादी भी कहा जाता है क्योंकि ये चाहते हैं कि यूक्रेन रूस का हिस्सा बन जाए।
लुहान्स्क और दोनेत्स्क के इलाक़ों को डोनबास कहा जाता है। ये दोनों ही इलाके रूस और यूक्रेन की सीमा के बिल्कुल नजदीक हैं और 2014 में जब रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था तब से ही इन इलाकों में अलगाववादी नेताओं ने अपनी आवाज तेज कर दी थी।
रूस इन इलाकों में अलगाववादी नेताओं और ताकतों को समर्थन देता रहा है। इन इलाकों में रूसी राष्ट्रवाद की भावना बहुत ज्यादा है और दोनेत्स्क पीपल्स रिपब्लिक ने तो साल 2021 से हर साल 12 जून को रूसी डे मनाने की घोषणा की थी।
इसके अलावा रूस अपनी जिद पर अड़ा हुआ है कि यूक्रेन को नैटो का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए। हालांकि इस तरह का कोई भी प्रस्ताव अभी नहीं है लेकिन पुतिन इस बात की गारंटी चाहते हैं कि ऐसा नहीं होना चाहिए वरना वह कोई कार्रवाई करने को मजबूर होंगे।
देखना होगा कि दुनिया भर की तमाम ताकतें क्या संभावित युद्ध को रोक पाने में कामयाब हो पाती हैं या परमाणु हथियारों से लैस रूस और दुनिया की बाकी एटमी ताकतों के बीच कोई भयंकर युद्ध होता है। यहां यह बात बेहद अहम है कि अगर विश्व युद्ध हुआ तो कोरोना महामारी के झटके से उबर रही दुनिया के लिए यह बहुत बड़ा झटका होगा।
अपनी राय बतायें