गांव देहात या फिर शहरों में अक्सर ऐसा होता है कि पानी के नलके पर पानी भरने को लेकर लड़ाई होती है जिसमें कई बार संतुलन बिगड़ जाता है और बात तू-तू, मैं-मैं पर उतर आती है। महाराष्ट्र की राजनीति भी इसी स्तर पर उतर आयी है जहां राजनीतिक मुददों पर लड़ने के बजाय ‘तू नहीं जानता मैं कौन हूं’ या ‘मेरे मुंह मत लगना’ जैसे मुहावरे अब इस्तेमाल होने लगे हैं।