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भारत या इंडियाः यूएन ने कहा- जब अनुरोध आता है तो हम विचार करते हैं

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के जी20 रात्रिभोज निमंत्रण में उन्हें 'भारत की राष्ट्रपति' के रूप में लिखने के विवाद के बीच, संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि जब कोई देश अनुरोध करता है तो संयुक्त राष्ट्र उनके नाम बदलने के अनुरोधों पर विचार करता है। 
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने बुधवार को तुर्की द्वारा पिछले साल अपना नाम बदलकर तुर्किये करने का उदाहरण दिया। उन्होंने उन रिपोर्टों पर एक सवाल के जवाब में कहा, ठीक है, तुर्किये के मामले में, हमने सरकार द्वारा हमें दिए गए एक औपचारिक अनुरोध का जवाब दिया। जाहिर है, अगर हमें इस तरह के अनुरोध मिलते हैं, तो हम उन पर विचार करते हैं। नाम बदलकर भारत किया जा सकता है।

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भारत में यह विवाद मंगलवार से शुरू हुआ है। राष्ट्रपति मुर्मू ने जी20 रात्रिभोज के लिए जो निमंत्रण भेजा, उसमें उनकी स्थिति को पारंपरिक 'प्रेसीडेंट ऑफ इंडिया' के बजाय 'भारत की राष्ट्रपति' के रूप में वर्णित किया गया था। इस पर विपक्ष ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा। उसने कहा किवो इंडिया की जगह देश का नाम सिर्फ भारत ही रखना चाहता है।
हालांकि प्रधान मंत्री मोदी ने बुधवार को अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों से भारत बनाम इंडिया मुद्दे पर राजनीतिक विवाद से बचने के लिए कहा। मोदी ने उन लोगों से कहा का यह देश का प्राचीन नाम रहा है। पीएम मोदी ने मंत्रियों से बातचीत के दौरान बताया कि उन्हें आगामी जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान क्या करना है और क्या नहीं करना है।
उन्होंने मंत्रियों से जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान राजधानी में रहने और उन्हें सौंपे गए किसी भी काम को करने के लिए कहा जा सकता है। ताकि यह तय किया जा सके कि आने वाले मेहमानों को कोई असुविधा न हो।
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बता दें कि भारत की अध्यक्षता में 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन सहित दुनिया भर के कई राष्ट्राध्यक्ष इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। दिल्ली में तमाम तरह की ट्रैफिक पाबंदियां गुरुवार से लागू हो चुकी हैं। दिल्ली में शिक्षण संस्थान, बैंक आदि 8 सितंबर और 9 सितंबर तक पूरी तरह बंद रहेंगे। 10 सितंबर को रविवार है। लेकिन दिल्ली पुलिस ने कहा है कि 7 से 10 तक कोई गतिविधि नहीं होगी। दिल्ली की सीमा पर तमाम तरह के वाहन रोके जाएंगे। 
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क़मर वहीद नक़वी
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