भारत और इंडिया के नाम पर भाजपा और विपक्षी दलों में घमासान मचा हुआ है। हालांकि 2004 में जब भारत के नाम का प्रस्ताव यूपी विधानसभा में पास किया गया तो भाजपा ने इसके विरोध में सदन का बहिष्कार कर दिया था। जानिए पूरा घटनाक्रमः
Satya Hindi news Bulletin हिंदी समाचार बुलेटिन । संसद के विशेष सत्र से पहले I.N.D.I.A के सांसदों की बैठक । क्या I.N.D.I.A नाम बदलकर B.H.A.R.A.T कर सकता है?
मोदी सरकार क्या इंडिया नाम बदलना चाहती है ? क्या इंडिया नाम ग़ुलामी का प्रतीक है ? क्यों से विवाद खड़ा किया जा रहा है ? आशुतोष के साथ चर्चा में संजय
हेगड़े, विनोद शर्मा, राकेश सिन्हा, नरेश कौशिक और विजय त्रिवेदी ।
देश का नाम बदल देने से क्या बदल जाएगा? क्या देश का नाम भारत कर देने से अडानी-अंबानी का कब्ज़ा ख़त्म हो जाएगा? क्या आम आदमी को देश की दौलत में ज़्यादा हिस्सा मिलने लगेगा? क्या ये हथकंडा अडानी कांड से ध्यान हटाने की चाल नहीं है? ऊंची जाति के मध्यवर्गीय हिंदुओं का तुष्टिकरण भर नहीं है?
विपक्ष ने आरोप लगाया है कि विपक्षी मोर्चे 'इंडिया ' से इतनी डर गई कि प्रेसिडेंट आफ़ इंडिया की जगह भारत कर दिया. करीब दस साल तक मोदी खेलों इंडिया, कूदो इंडिया, दौड़ों इंडिया करने के बाद' भारत ' याद कर रहें है. पर राहुल गांधी तो पहले ही भारत जोड़ों यात्रा कर चुके हैं. आज की जनादेश चर्चा
देश के नाम इंडिया हटाने और सिर्फ़ भारत रहने देने के विवाद के बीच अमिताभ बच्चन और वीरेंद्र सहवाग आख़िर चर्चा में क्यों आए? जानिए उन्होंने क्या टिप्पणी की।
पारंपरिक तौर पर इस्तेमाल होते रहे 'President of India' की जगह अब 'President of Bharat' का इस्तेमाल किया गया है। जानिए, भारत नाम पर इतना ज़ोर क्यों और कैसे यह नाम पड़ा।
देश को मंगलवार को यह खबर मिली की इंडिया की जगह अब राष्ट्रपति खुद को भारत का राष्ट्रपति लिखेंगी। इसी तरह जी20 से जुड़ा निमंत्रण भी भेजा गया है। लेकिन विदेश में लोग इंडिया ही जानते हैं। विपक्ष का कहना है कि विपक्षी गठबंधन इंडिया के नाम से बौखलाकर यह कदम उठाया गया है।