देश की पहली सरकार है जो राजनीति को छायावाद के युग में ले आयी है । देश की संसद का विशेष सत्र शुरू होने वाला है लेकिन विपक्ष को तो छोड़िये केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्यों तक को पता नहीं है कि इस विशेष सत्र की कार्यसूची क्या है ? ये पहली सरकार है जो बाकायदा क्लास लगाकर अपने मंत्रियों से कहती है कि उन्हें संसद के बाहर किस विषय पर बोलना है और किस विषय पर नहीं। सरकार के इस छायावाद के पीछे क्या उद्देश्य है, ये समझना बहुत मुश्किल है।