मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में बुधवार को हजारों प्रदर्शनकारियों ने सेना के बैरिकेड हटाने के लिए हमला किया। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने कई राउंड आंसू गैस के गोले दागे। इस घटना में सौ से ज्यादा लोगों को चोट आई। बिष्णुपुर के डिप्टी कमिश्नर लौरेम्बम बिक्रम ने मीडिया को बताया कि वहां कोई भगदड़ आदि नहीं हुई। गुरुवार को दिन के कर्फ्यू में ढील दी गई है।
इंडियन एक्सप्रेस को सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि 10,000 से अधिक प्रदर्शनकारी मैतेई बहुल बिष्णुपुर जिले के फौगाकचाओ इखाई और क्वाक्टा कस्बों में एकत्र हुए। सेना के बैरिकेड पर हमले का आह्वान मैतेई समुदाय के संगठन ने किया था। प्रभावशाली मैतेई संगठन मणिपुर इंटीग्रिटी समन्वय समिति (COCOMI) ने निवासियों से फौगाकचाओ इखाई में कुकी-ज़ोमी प्रभुत्व वाले चुराचांदपुर की ओर सेना के बैरिकेड्स को पीछे धकेलने के लिए कहा था।
मैतेई संगठन के इस आह्वान के बाद सरकार ने घाटी के पांच जिलों में कर्फ्यू लगा दिया था। हालांकि मणिपुर के सूचना और जनसंपर्क मंत्री सपम रंजन सिंह ने मैतेई समूह से विरोध प्रदर्शन रद्द करने के लिए कहा था क्योंकि सरकार ने पहले ही कई बैरिकेड हटा दिए थे। लेकिन मैतेई संगठन ने सरकार की इस सलाह की अनदेखी की।
बुधवार के प्रदर्शन से साफ हो गया कि मैतेई संगठनों के पास हथियार हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अभी हाल ही में मणिपुर सरकार को अवैध हथियार रखने या इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने मणिपुर सरकार और अन्य सरकारी एजेंसियों से "सभी स्रोतों" से हथियारों की बरामदगी पर एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
बुधवार की घटना के बाद मणिपुर के सभी पांच जिलों में गुरुवार को दिन के कर्फ्यू में ढील दी गई है ताकि लोग जरूरी खाद्य सामग्री खरीद सकें। लेकिन चप्पे चप्पे पर सेना और पुलिस नजर रख रही है। रात के कर्फ्यू में किसी भी तरह की ढील नहीं दी जाएगी।
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