अफ़ग़ानिस्तान में सरकार बनाने के क़रीब पहुंच चुके तालिबान के लिए आगे की राह इतनी आसान नहीं है। सरकार चलाने के लिए उसे दुनिया के बाक़ी मुल्क़ों से मान्यता तो चाहिए ही, पैसा भी चाहिए और शायद इसे वह समझ चुका है और इस बार काफ़ी नरम रूख़ दिखा रहा है। लेकिन उसका यह नरम रूख़ सिर्फ़ दिखावा ही है क्योंकि वह अफ़ग़ानिस्तान से मुहब्बत करने वाले और उसके झंडे को शान से फहराने वाले अफ़ग़ानों की जान का दुश्मन बना हुआ है।
अफ़ग़ानिस्तान: क्या गृह युद्ध होगा?, पंजशिर के लड़ाकों से जीत पाएगा तालिबान?
- दुनिया
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- 20 Aug, 2021
तालिबान के सामने जो सबसे बड़ी चुनौती है, वह है पंजशिर प्रांत। पूरे मुल्क़ में यही एक प्रांत है, जहां पर तालिबान तो छोड़िए, सोवियत संघ से लेकर अमेरिका तब कब्जा नहीं कर पाए और इस बात के लिए पंजशिर की मिसाल दी जाती रही है।

ख़ैर, तालिबान के सामने जो सबसे बड़ी चुनौती है, वह है पंजशिर प्रांत। पूरे मुल्क़ में यही एक प्रांत है, जहां पर तालिबान तो छोड़िए, सोवियत संघ से लेकर अमेरिका तब कब्जा नहीं कर पाए और इस बात के लिए पंजशिर की मिसाल दी जाती रही है।